Chandigarh/Alive News : जेलों में कैदियों की अप्राकृतिक मृत्यु, बदतर स्वास्थ्य सुविधाओं और अन्य बदहालियों पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सख्त रूख अपनाया है। पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ से जवाब तलब कर लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने जेलों में कैदियों की बदहाल स्थिति के मामले में दायर एक याचिका का निपटारा करते हुए देश के सभी हाईकोर्ट को इस मामले में संज्ञान लेने का आदेश दिया था।
मिली जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि सभी हाईकोर्ट उनके क्षेत्राधिकार में आने वाली जेलों में सुधार के लिए सुनवाई करें। कोर्ट ने चिंता जताते हुए कहा था कि जेलों में कैदियों की अप्राकृतिक मृत्यु के मामले सामने आ रहे हैं। जेलों की हालत ऐसी है कि कई कैदी इससे परेशान होकर आत्महत्या तक कर रहे हैं। ऐसे कैदियों के परिजनों को उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि उसने महसूस किया है कि जेलों में कैदियों को निचले स्तर की स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं, जबकि स्वास्थ्य सुविधाएं प्रत्येक व्यक्ति का अधिकार है। कोर्ट ने कहा था कि जेलों का माहौल सुधारे जाने की जरूरत है। सिर्फ जेल का नाम बदल कर सुधार गृह कर देने से कुछ भी नहीं बदलेगा, बल्कि जेलों में सुधार भी नजर आना जरूरी है। शिमला और दिल्ली में ओपन जेल का कॉन्सेप्ट काफी हद तक सफल रहा है, लिहाजा इस दिशा में काम किया जाना चाहिए। इसके बाद पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ से जवाब तलब कर लिया है।