New Delhi/Alive News : दिल्ली में मर्दों के जिस्म का कारोबार बड़ी तेजी से पनप रहा है। आलम यह है कि यहां के कई प्रमुख वीवीआईपी इलाकों की मार्केट में मर्दों का बाजार रात 10 बजे से भोर के 4 बजे तक सजता है। इस मंडी को ‘जिगोलो मार्केट’ कहते हैं। राजधानी के सरोजनी नगर, लाजपत नगर, पालिका मार्केट और कमला नगर मार्केट समेत कई इलाकों में रात होते ही मर्दों की जिस्म फरोशी के धंधे की मार्केट सज जाती है। दिल्ली के इस मार्केट में बड़े परिवार की महिलाएं आकर मर्दों की बोली लगाती हैं।
कब सजती है मंडी
दिल्ली का जिगोलो मार्केट में खुलेआम युवा अपने जिस्म का सौदा करते हैं। राजधानी की सड़कें जब सुनसान होती हैं तब यहां इनका बाजार सजता है। खास बात ये है कि युवा जिस्म की खरीददार उन घरानों या इलाकों की महिलाएं होती हैं जिन्हें आम बोलचाल में इज्जतदार, अमीर कहा जाता है और इनके इलाकों को पॉश।
पब, डिस्को और कॉफी हाउस में होता है सौदा
जिगोलो को बुक करने का काम हाईफाई क्लब, पब और कॉफी हाउस में भी होता है। कुछ घंटों के लिए जिगोलो की बुकिंग 1800 से 3000 हजार रुपए और पूरी रात के लिए 8000 रुपये तक में होती है। इसके अलावा युवाओं के गठीले और सिक्स पैक ऐब्स के हिसाब से 15 हजार रूपए तक कीमत दी जाती है।
कॉरपोरेट जगत की तरह होता है काम
युवाओं के जिस्म के सौदेबाजी का काम बेहद नियोजित तरीके से होता है। यही वजह है कि कमाई का 20 प्रतिशत हिस्सा इन्हें अपनी संस्था को देना होता है, जिनसे ये जुड़े हुए हैं। कारोबार को दिल्ली के कई युवा अपना प्रोफेशन बना चुके हैं तो कई अपनी लक्जरी जरूरतों की पूर्ति के लिए इस दलदल में फंस रहे हैं। इनमें इंजीनियरिंग और मेडिकल की तैयारी करने वाले छात्र सबसे ज्यादा हैं।
युवा जिस्म का यह बाजार रात 10 बजे से सुबह 4 बजे के बीच सजता है। युवा पॉश इलाकों और साऊथ एक्सटेंसन, जेएनयू रोड, आईएनए, अंसल प्लाजा, कनॉट प्लेस, जनकपुरी डिस्ट्रिक सेंटर जैसे प्रमुख बाजारों की मुख्य सड़कों पर खड़े हो जाते हैं. यहां गाड़ी रुकती है, जिगोलो बैठता है और सौदा तय होते ही गाड़ी चल देती है। जिगोलो की डिमांड उसके गले में बंधे पट्टे पर निर्भर करती है। आप सुनकर दंग रह जाएंगे कि गले में बंधा पट्टा जिगोलो के लिंग की लंबाई दर्शाता है।
साउथ दिल्ली के बड़े होटलों से भी मिलते है जिगोलो
इसके आलावा साउथ दिल्ली के कई जाने-माने होटलों में भी यह धंधा जमकर फलफूल रहा है। मगर यहां जिगोलो की पहचान गले में पहने पटटे से नहीं बल्कि ड्रेस से होती है।
दरअसल साउथ दिल्ली के कई होटलों में जिगोलो के हाथ में लाल रुमाल और गले में पटटे की बजाय काली पतलून और सफ़ेद शर्ट पहचान होती है। सूत्रों के मुताबिक जिगोलो इन होटलों के रेस्तरां में बैठकर काफी की चुस्कियां लेते हुए अपने ग्राहक की तलाश करते है।