November 14, 2024

4 से 5 महीने के बच्चे में खून की कमी का रहना हो सकता है थैलेसिमिया

Pooja Sharma/Alive News

Faridabad : थैलेसीमिया एक ऐसी बीमारी है। जो 5 से 6 महीने की उम्र में बच्चो को होती है। यह बीमारी बच्चों में हीमोग्लोबिन की कमी के कारण होती है । हीमोग्लोबिन एक प्रकार का विशेष प्रोटीन होता है। जो लाल रक्त प्रवाहिकाओ (आर.बी.सी) को बुरी तरह प्रभावित करता है। थैलेसीमिया एक ऐसा रोग है। जो बच्चों को अन्य सामान्य बच्चों से अलग करता है।

ये है थैलेसीमिया के लक्षण
थैलेसीमिया बच्चों में 4 से 6 महीने के अंतराल में ही दिखने लगता है थैलेसीमिया के लक्षण में बच्चों की आखे पीली पड़ने लग जाती है
. पेशाब का पीला आना।
. जीभ का रंग बदलना ।
. बच्चे का विकास रुकना ।
. कमजोरी आना ।

जानिए थैलेसीमिया कितने प्रकार का होता है
. मेजर थैलेसीमिया।
. माइनस थैलेसीमिया।
. अल्फ़ा थैलेसीमिया।
. बीटा थैलेसीमिया ।

क्या कहना है थैलेसीमिया के जानकार का
थैलेसीमिया के बारे में बातचीत करते हुए ग्लोबली इंटीग्रेटेड फाउंडेशन के संस्थापक मदन चावला ने बताया कि थैलेसीमिया के लक्ष्ण पता चलते ही तुरंत बच्चे का (एच.पी.अल.सी) हाई परफॉर्मन्स लिक्विड क्रोमेटोक्राफी टेस्ट कराना चाहिए। जिसके बाद डॉ ये सुनिश्चित करते है कि बच्चे को थैलेसीमिया है। थैलेसीमिया ग्रस्त होने के बाद बच्चे को खून चढ़ाया जाता है ये खून बच्चे को लाइफ टाइम चढ़ता रहता है जैसे जैसे बच्चे का विकास होता है वैसे वैसे खून की मात्रा भी बढ़ती चली जाती है। एक बार अगर किसी बच्चें को थैलेसीमिया हो जाता है तो वह जीवन भर रहता है और किसी किसी बच्चे की 15 से 12 वर्ष की आयु में मृत्यु हो जाती है।