November 15, 2024

दीमक ने चट किया शिक्षा विभाग का रिकॉर्ड

Faridabad/Alive News  : स्कूली बच्चों की ‘सुरक्षा और आपादा’ को लेकर माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने गत 13 अप्रैल 2009 को सभी राज्यों की सरकारों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों को सुरक्षा के नियमों को लागू करने के आदेश दिए थे। लेकिन कई राज्यों ने इन आदेशों की पालना नहीं की। इसी विषय को लेकर फरीदाबाद की एक सामाजिक संस्था ‘एक संघर्ष’ के निदेशक आर.पी.शर्मा ने हरियाणा शिक्षा विभाग के फरीदाबाद जिला कार्यालय में 1225 स्कूलों में उक्त पोलिसी को लागू करने के लिए सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी मांगी थी, लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी ने पहले तो यह कहकर सूचना नहीं दी कि इस विषय में कोई भी विभाग के पास रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है। जब आरटीआई कार्यकत्र्ता ने मामले की सूचना राज्य सूचना आयोग चंडीगढ़ से मांगी तो जिला शिक्षा अधिकारी ने सूचना आयोग के आदेश अनुसार जवाब में कहा कि उक्त विषय से संबंधित फाईलों का सारा रिकोर्ड 31 मार्च 2016 तक दीमक द्वारा नष्ट कर दिया गया है। इस मामले की जानकारी जब सूचना आयुक्त को दी गई तो सुनवाई करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी फरीदाबाद डॉ.मनोज कौशिक को आदेश दिए कि इस गंभीर मामले में उपलब्ध सभी जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता को दी जाए और यदि रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है तो इस सम्बन्ध में जिला शिक्षा अधिकारी एक शपथ पत्र दें। जिसकी एक प्रति सूचना आयोग को भी भेजी जाए। इसके अलावा सूचना आयुक्त ने जिला उपायुक्त फरीदाबाद को भी निर्देश दिए कि बच्चों की सुरक्षा से सम्बंधित इस संवेदनशील मामले की गंभीरता से लिया जाए और इसकी पूरी रिपोर्ट जांच करने के बाद आयोग को दी जाए।

– क्या है मामला 
इस विषय में जिला शिक्षा अधिकारीयों से समय-समय पर सूचना मांगते रहे हैं। साल 2014 से आज तक जि़ले के सभी स्कूलों में सुरक्षा के प्रबंध न होने के कारण जिला शिक्षा अधिकारी सूचना देने में आनाकानी कर रहे हैं। इस विषय में शर्मा का कहना है की किसी भी सरकारी विभाग का रिकॉर्ड नष्ट होना पब्लिक रिकाड्र्स एक्ट 1993 और भारतीय दंड संहिता 201 के अंतर्गत आता है।
-आर.पी.शर्मा, निदेशक, एक संघर्ष। 
क्या कहते है आरटीआई एक्टिविस्ट एसोसिएशन के पदाधिकारी 
फरीदाबाद की कई सामाजिक संस्थाओं और सूचना का अधिकार एसोसिएशन के महासचिव का कहना है कि माननीय सुप्रीम कोर्ट ने अपनी गाईड लाईन में पहले ही कहा है कि आपदा और सुरक्षा से सम्बंधित सभी मामलों में जिला शिक्षा अधिकारी नोडल अफसर हैं, इसलिए इन्हे तुरंत प्रभाव से सभी स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा के इंतज़ाम करें। यदि किसी भी स्कूल में कोई सुरक्षा सम्बंधित हादसा होता है तो इस सम्बन्ध में जिला शिक्षा अधिकारी को तलब किया जाएगा।
-रविन्द्र चावला, महासचिव, आरटीआई एक्टिविस्ट एसोसिएशन।