Faridabad/Alive News: रविवार से शारदीय नवरात्रि की शुरूआत हो गई है। शहर के मंदिर जगदम्बा के जयकारों से गूंज उठे हैं। नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा हुई। दूसरे राज्यों से आए कलाकारों की प्रस्तुतियों ने भक्तों को झूमने पर मजबूर कर दिया। सोमवार को एनआईटी तिकोना पार्क स्थित श्री महारानी वैष्णो देवी और सिद्धपीठ काली मंदिर में भक्तों की भीड़ दिखाई दी। शाम तक श्रद्धालुओं के आवागमन का सिलसिला जारी रहा।
नवरात्रि को लेकर पिछले 15 दिनों से शहर के मंदिरों में साफ-सफाई और साज-सज्जा का काम चल रहा था, नवरात्रि के पहले दिन शहर के मंदिर रंग-बिरंगी लाइटों से जगमग नजर आए। 15 अक्टूबर से शुरू हुए शारदीय नवरात्रि का समापन 23 अक्टूबर को होगा, 24 अक्टूबर को बुराई पर अच्छाई की विजय का त्यौहार दशहरा मनाया जाएगा। नवरात्रि को लेकर शहर के बाजारों में भी रौनक देखने को मिल रही है। बाजार पूजा साम्रगियों से सजे हुए हैं।
मंदिरों में की गई है तैयारी
एनआईटी 1 तिकोना पार्क स्थित सिद्धपीठ मां काली मंदिर में इस बार दुर्गा पूजन कार्यक्रम में लखनऊ से विशेष कलाकार बुलाए गए हैं। मंदिर कमेटी के प्रधान राकेश ने बताया कि नवरात्रि के पहले और दूसरे दिन लोग शहर के अलग-अलग हिस्सों से दर्शन के लिए पहुंचे। दर्शन करने के दौरान भक्तों को किसी भी प्रकार की कोई परेशानी न हो, इसलिए सेवादारों को तैनात किया गया है। पुलिस भी लोगों की सुरक्षा के लिए मौजूद है। मंदिरों में भक्तों के लिए प्रसाद वितरण की व्यवस्था भी की गई है।
शहर के प्रसिद्ध मंदिर की ऐसे हुई स्थापना
एनआईटी-1 नंबर तिकोना पार्क स्थित श्री महारानी वैष्णो देवी मंदिर की स्थापना 1955 में हुई थी। पहले वह पर एक कुआ हुआ करता था और उस कुए में एक अशोक नाम का बच्चा गिर गया था जिसके बाद उसे बाहर निकला गया तो वह बच्चा लाल कपड़े से बंधा हुआ था बता दें कि उस समय बच्चे की उम्र महज 4 वर्ष थी। जिसके बाद बुजुर्ग मुकुंद लाल ने वहां पर माता रानी की फोटो रख कर पूजा शुरू की और एक एक ईट इकठ्ठा कर माता वैष्णो देवी मंदिर की स्थापना की गयी।