गुरूओं को शत्-शत् नमन….क्लास में चले हम पढ़ावन
Faridabad/Alive News : मंगलवार को शहर के स्कूलों में शिक्षक दिवस कार्यक्रम की धूम रही। गुरूओं के सम्मान में जगह-जगह कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। वहीं छात्रों ने भी शिक्षक बन गुरू के व्यक्तित्व को जीया और उनके रोज के कठिन परश्रम को जाना।
पल्ला के तरूण निकेतन स्कूल में बच्चो ने कविताओं और नाटक के द्वारा सारे विद्यार्थियों को शिक्षक के महत्व को दर्शाया। आधुनिक और प्राचीन शिक्षा पद्धति के बीच के अंतर को दिखाया तथा बच्चो को सही मार्ग पर चलने को प्रोसाहित किया। दो नन्ही परियों ने शिक्षको के प्रति अपने भावों को एक कविता के माध्यम से व्यक्त किया। छोटे-छोटे बच्चो ने ‘हे माता-पिता गुरुवर मेरे ………’ पर नृत्य प्रस्तुति दी।
सैक्टर-21बी स्थित जीवा पब्लिक स्कूल में शिक्षक दिवस अदï्ïभुत एवं शिक्षाप्रद ढंग से मनाया गया। छात्रों ने अध्यापकों को विशेष सम्मान दिया। छात्रों ने अपने अध्यापकों के गुणों एवं उनके उच्च कोटि के कार्यों का बखान किया। कार्यक्रम की शुरूआत छात्रों ने सुविचार से किया तथा गुरूओं के सम्मान में कुछ पंक्तियों प्रस्तुत की। इसके उपरान्त छात्रों ने कबीरदास जी के दोहों के माध्यम से गुरू की महिमा का बखान किया एवं गुरूओं के कार्यों के लिए धन्यवाद प्रकट किया। वहीं छात्रों ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से अध्यापकों के महत्व को दर्शाया तथा बताया कि अध्यापक हमारे समाज के लिए बहुत महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं। इसके अलावा छात्रों ने एक नृत्य नाटिका भी प्रस्तुत की जिसमें छात्र और अध्यापकों के बीच प्रेम और अनुशासन के संबंध के विषय में बताया और यह भी बताया कि यह संबंध बहुत आवश्यक है।
वहीं फरीदाबाद मॉडल स्कूल सैक्टर-31 में अध्यापक दिवस बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस उपलक्ष्य पर विद्यालय के प्रधानाचार्या उमंग मलिक सहित सभी अध्यापकों ने डॉ0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी को पुष्प श्रद्धांजलि अर्पित की। विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति देकर अध्यापकों का खूब मनोरंजन किया। अध्यापकों के लिए अनेक खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। जिनमें उन्होंने बड़े ही हर्षोल्लास के साथ भाग लिया। अंत में विद्यालय के प्रधानाचार्य उमंग मलिक ने बच्चों को डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन के पद चिह्नों पर चलने के लिए प्रेरित किया व उनकी नीति ‘‘सादा जीवन उच्च विचार’’ को अपने जीवन में अपनाने के लिए प्रोत्साहित भी किया ताकि वे अपने भविष्य को उज्ज्वल बना कर अपने देश का भविष्य भी सुधार सकें।
वहीं साहूपुरा के आशा ज्योति विद्यापीठ में शिक्षक दिवस बडे हर्षोल्लस के साथ मनाया गया। बच्चों ने कविता पाठ, पहेलियां, रामायण की चौपाईयां, शिक्षाप्रद दोहे व भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति श्री डॉ.सर्व पल्ली राधाकृष्णन का जीवन परिचय पर व उनके योगदान पर बोले। जिन्हें देखकर दर्शक आनन्दित हुए। इसके बाद विद्यालय के चेयरमैन सत्यवीर डागर ने शिक्षक दिवस की शुभकामना देते हुए कहा-माता बच्चे की निर्माता होती है, तो अध्यापक राष्ट्र का निर्माता होता है। इसलिए गुरू को भगवान से भी बडा माना गया है। उन्होंने बताया अध्यापक उस जलती हुई मोमबत्ती के समान होता है, जो स्वयं जलकर सैकडों नहीं लाखों मोमबत्तियों को जलाते हैं। अध्यापक सैकडों नहीं लाखों डॉक्टर बना सकता है। इस अवसर पर प्रधानाचार्या ने विज्ञान अध्यापिका रेणु रावत जी को श्रेष्ठ अध्यापिका का ऑवार्ड दे कर सम्मानित किया।
बल्लभगढ़ के कुन्दन ग्रीन वैली स्कूल में शिक्षक दिवस समारोह का आयोजन किया गया है। इस मौके पर बच्चों तथा अध्यापकों ने पूरी श्रद्धा तथा उत्साह के साथ बढ़ चढकर भाग किया। विद्यालय के अध्यक्ष महोदय ने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए एक शिक्षक का महत्व समझाया। सभी विद्यार्थियों ने एक अच्छे शिक्षक की भांति अनुसाशित तरीके से अपनी अपनी जिम्मेदारियों को निभाते हुए कक्षाओं में पढ़ाया। बच्चों का उत्साह देखते ही बनता था। कक्षा 12वीं तथा 11वीं के विद्यार्थियों ने अपने शिक्षकों से प्रेरित हो उनके समान कक्षा को नियंत्रित करते हुए पाठ पठाया। वार्षिक परंपरा को निभाते हुए अध्यापकों को सम्मानित किया जिसमें उन्होंन बेस्ट टीचर प्रशांत राठौर, अजय कुमार सिंह, आरती पाठक, नीलम झा और श्यामूलि दत्त।
तिगांव के विद्यासागर इंटरनेशनल स्कूल में टीचर्स डे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। प्रतिवर्ष पांच सितंबर को टीचर्स डे मनाया जाता है। इस दिन बच्चे हों चाहे बड़े सभी अपने गुरु के प्रति सम्मान प्रकट करते हैं। छात्रों ने अपने शिक्षकों को समर्पित अनेक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। स्कूल के चेयरमैन धर्मपाल यादव ने कहा कि प्राचीन काल में यह मान्यता थी कि बिना गुरू के ज्ञान नहीं होता और हो भी जाए तो वह फल नहीं देता। यह मान्यता कुछ हद तक सही भी थी, क्योंकि व्यक्ति जो कुछ पढ़ता है उससे उसे मात्र शब्द ज्ञान प्राप्त होता है अर्थ ज्ञान नहीं। अर्थ ज्ञान के लिए ही व्यक्ति को शिक्षक की आवश्यकता होती है। इस मौके पर स्कूल के सभी छात्र कार्यक्रम में शामिल हुए। छात्रों ने बताया कि किस तरह वे शिक्षकों के मार्गदर्शन से वह जीवन में आगे बढ़ रहे हैं। ऐसे छात्र जो लेखन में बेहद अच्छे थे उन्होंने अपना लिखा हुआ लेख अपने शिक्षकों के सम्मान में प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के उपरांत शिक्षकों को उनके सराहनीय कार्यों के लिए सम्मानित किया गया। टीचर्स डे के खास मौके पर स्कूल के डायरेक्टर दीपक यादव ने कोर्डिनेटर योगेंद्र चौहान को पद्दोनत करके वाइज प्रिंसिपल नियुक्त किया। इस अवसर पर स्कूल के एकेडमिक डॉयरेक्टर सीएल गोयल, शम्मी यादव व अन्य गणमान्य शिक्षकों के साथ अभिभावक भी उपस्थित थे।
धीरज नगर स्थित मानव संस्कार स्कूल में शिक्षक दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर स्कूल के चेयरमैन योगेश शर्मा ने सभी शिक्षकों को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि गुरू शब्द के उच्चारण मात्र से ही सम्मान दिल से निकलता है, गुरू समाज का निर्माणकर्ता होता है जोकि अपने ज्ञान से समाज का निर्माण करता है इसलिए गुरू को सर्वोच्च दर्जा दिया गया है।