Faridabad/Alive News : हरियाणा पुलिस की दीवाली इस बार स्कूलों के अध्यापक और कर्मचारियों की जेब से निकलने वाले पैसों से मनने वाली है। यह हम नही कह रहें बल्कि खुद वो अध्यापक और स्कूलों के कर्मचारी कह रहे है कि शिक्षा विभाग द्वारा प्राईवेट स्कूलों पर अध्यापक व कर्मचारी स्टॉफ की वेरिफिकेशन का काम पुलिस को दिया गया है। उधर, पुलिस वेरिफिकेशन के नाम पर टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ से दीवाली का खर्चा मांग रही है। जबसे शिक्षा विभाग ने नीजि स्कूलों के स्टॉफ की वेरिफिकेशन फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि दी है तभी से स्कूलों में हडकंप मचा हुआ है। इसका फायदा हरियाणा पुलिस बखुबी उठा रही है। सरकार एक तरफ बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं और महिला सशक्तिकरण जैसे मुद्दों को लेकर वाह-वाही बटोर रही है। वही दूसरी तरफ महिला टीचर को बिना अपराध के शिक्षा विभाग ने सरकार के आदेश पर थाने और चौकियों में खड़े होने को मजबूर कर दिया है। आज निजी स्कूलों के स्टाफ में नौबत यह बनी हुई है कि पैसे देकर वेरिफिकेशन करवा ली जाए वरना नौकरी से हाथ धोना होगा। हरियाणा सरकार की भ्रष्टाचारी के खिलाफ जीरों टोलरेंस की नीति अब अध्यापकों को भी समझ आने लगी है। निजी स्कूल के एक अध्यापक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि वह सूूरजकुंड थाने की दयाल बाग चौकी में वेरिफिकेशन कराने पहुंचा। वहां पर मौजूद पुलिसकर्मी के सामने अन्य स्कूलों के अध्यापक एवम् कर्मचारियों की लाईन को देखकर उसे भी लगा की आज उसकी वेरिफिकेशन नहीं हो पाएगी। लेकिन 4 घण्टें वहां बिताने के बाद भी नंबर न आने से परेशान शिक्षक ने अगले दिन फिर से आने का मन बना लिया। तभी सामने बैठे पुलिसकर्मी ने मौजूद अध्यापक और कर्मचारियों को छोडक़र किसी केस के सिल-सिले की बात कही और वहां से उठकर चला गया। उक्त अध्यापकों नें फिर से वेरिफिकेशन के लिए स्थानीय चौकी में हाजरी लगाई और बड़ी मशकत के बाद उसकी वेरिफिकेशन का नंबर आया। तभी उसके साथ वेरिफिकेशन के लिए आए पड़ोसी ने पुलिस की लिखा-पढ़ी को देखकर वेरिफिकेशन पर साईन करने से मनाकर दिया और वहां से चला गया। क्योंकि उस पड़ोसी को चौकी में दूसरी बार समझा-बुझाकर लेकर आए थे। वहां पर मौजूद पुलिसकर्मी ने शिक्षक से कुछ देर रूकने के लिए कहा और यह भी कहा कि जब वह सामने खड़े लोगों से निपट लेगा फिर उसका कुछ जुगाड़ करेगा। बड़ा लम्बा टाईम खराब करने के बाद पुलिसकर्मी ने अपने पास बुलाया और कहा कि आप की वेरिफिकेशन हो चुकी है दीवाली का खर्चा तो निकालो। यह बात सुनकर उक्त अध्यापक ने पुलिसकर्मी को कहा कि उसके पास खर्चे के पैसे नही है। तभी पुलिसकर्मी ने कहा कि वेरिफिकेशन के लिए एक गवाह को लेकर आना तभी वेरिफिकेशन होगी। इस पूरी घटना से साफ हो गया है कि पुलिसकर्मीयों की दीवाली इस बार अध्यापक और स्कूल स्टॉफ मनवा रहा है। जानकारी यह भी मिल रही है कि वेरिफिकेशन में लगे पुलिसकर्मी 5 सौ से हजार रूपए तक रिश्वत लेकर फरीदाबाद में घर बैठे ही बिना पड़ोसियों की गवाही व कागजो के वेरिफिकेशन कर रहे है।
– क्या कहते है एनआईएसए के प्रधान
सरकार और प्रशासन की निजी स्कूलों के विरूद्ध चल रही पेरशान करने की नीतियों को लेकर उन्होंने दो दिन पहले ब्लैक-डे मनाया है। काफी स्कूलों के स्टाफ ने वेरिफिकेशन के नाम पर पुलिस के भ्रष्टाचार की शिकायत मिली हैं। सरकार वेरिफिकेशन का काम किसी स्वतंत्र जांच एजेंसी को सौंपे जिससे कि स्कूलों के अध्यापक और कर्मचारियों भ्रष्टाचार के शिकार न हो।
-कुलभूषण शर्मा, राष्ट्रीय अध्यक्ष, एनआईएसए।
– क्या कहती है पुलिस अधिकारी
अभी तक स्कूलों की ओर से उनके पास कोई शिकायत नही आई है। अगर, किसी स्कूल, अध्यापक या कर्मचारी की तरफ से किसी भी पुलिसकर्मी के बारे में इस तरफ की शिकायत मिलती है तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही होगी। हालांकि जिस जगह की शिकायत मिली है वह खुद जांच करेंगी।
– आस्था मोदी, डीसीपी एनआईटी।