New Delhi/Alive News : रेल में प्रतिदिन दो करोड़ से ज्यादा लोग सफर करते हैं. लाखों लोग रेलवे स्टेशनों और ट्रेन में दिए जाने भोजन के सहारे ही सफर करते हैं. केवल कुछ ही प्रतिशत लोग अपना भोजन लेकर चलते हैं. कई बार लोगों को रेलवे में दिए जा रहे भोजन की क्वालिटी पर संदेह होता है तो कई बार लोग कैटरिंग स्टाफ के व्यवहार से नाराज हो जाते हैं. जहां तक क्वालिटी का सवाल है तो ऐसे रेल यात्रियों के लिए अब एक अच्छी खबर है. रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) जल्द ही नई तकनीक के जरिए ट्रेन के खाने की गुणवत्ता पर नजर रखने की योजना पर काम कर रही है.
आईआरसीटीसी ने लगातार कई सालों से यात्रियों के लिए बनी समस्या पर लगाम लगाने के लिए अब तकनीक का सहारा लेने का मन बनाया है. ट्रेन के खाने की गुणवत्ता और साफ-सफाई पर ध्यान रखने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को प्रयोग किया जाएगा. इस तकनीक को लाने के पीछे रेलवे का मकसद यात्री को हाईजिनिक खाना पहुंचाना है.
उल्लेखनीय है कि अकसर देखा गया है कि ट्रेन में यात्रियों को कई बार जो खाना दिया जाता है उसे लेकर यात्री शिकायत करते रहे हैं. साथ ही वे कई बार तो वीडियो भी शेयर कर खाने की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हैं. ऐसे वीडियो और शिकायत से रेलवे को शर्मसार होना पड़ा है. रेलवे के कई प्रयास इस दिशा में किए गए जो नाकाम ही साबित हुए हैं.
ऐसे में अब आईआरसीटीसी (IRCTC) ने इसे रोकने के लिए सख्त कदम उठाए हैं. इसके लिए इंडियन रेलवे ने अपनी 16 बेस किचेन में अच्छी क्वालिटी के सीसीटीवी (CCTV) कैमरे लगाए हैं. इन कैमरों की सहायता से खाने के तैयार होने से लेकर पैकिंग तक हर एक्शन पर नजर रखी जा सकेगी. जानकारी के अनुसार रेलवे अभी अपनी 16 किचन में 8 कैमरा लगाने जा रही है.
बताया जा रहा है कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तकनीक से लैस ये कैमरे रेलवे में खाने की गुणवत्ता में सुधार में काफी कारगर सिद्ध होंगे. इन कैमरों के माध्यम से दिल्ली में आईआरसीटीसी के मुख्यालय से इन किचन पर नजर रखी जाएगी. आईआरसीटीसी (IRCTC) ने इस आर्टीफिशियल इंटेलीजेंसी तकनीक पर एक फर्म वोबोट (WOBOT) के साथ मिलकर काम कर रही है. दावा किया जा रहा है कि इस तकनीक के जरिए छोटी-छोटी साफ-सफाई से जुड़ी चीजों का भी ध्यान रखा जा सकेगा.
आईआरसीटीसी अधिकारी सिद्धार्थ ने बताया कि इसका फायदा यह है कि यदि कोई आदमी अपनी कैप पहनकर किचन में नहीं गया तो यह सिस्टम इश्यू को मॉनिटरिंग यूनिट पर भेजेगा. इससे प्रक्रिया को दुरुस्त करने में सहायता होगी. यानी इस टेक्नोलॉजी के जरिए पूरे सिस्टम पर नजर रखी जाएगी.