21वीं सदी की आवश्यकता पूरी कर रहा सूरजकुंड : प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी
सूरजकुंड की तर्ज पर तेलंगाना में आयोजित करेंगे मेला: उप-मुख्यमंत्री श्रीहरि
Faridabad: अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले के बढ़ते स्वरूप पर हर्ष व्यक्त करते हुए हरियाणा के राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी ने कहा कि हरियाणा संघर्ष की भूमि रहा है, किंतु अब इसका स्वरूप बदल रहा है। हरियाणा के कुरुक्षेत्र में हुई महाभारत में विश्व के सभी देशों ने हिस्सा लिया, लेकिन अब सूरजकुंड मेले ने इस प्रदेश को विश्व के देशों का मिलन स्थान बन गया है। उन्होंने कहा कि यह 21वीं सदी की आवश्यकता है।
राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी ने सोमवार को 30वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले के समापन समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। मेले में पहुंचने पर राज्यपाल का स्वागत तेलंगाना के कलाकारों ने पारंपरिक रूप से किया। उन्होंने मेले का भ्रमण करते हुए शिल्पकारों से बातचीत करते हुए हस्तशिल्प के इस कुंभ पर गर्व की अनुभूति की। मेला भ्रमण के उपरांत मुख्य चौपाल पर आयोजित समापन समारोह में देश-विदेश के कलाकारों ने मनोहारी सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी।
अपने संबोधन में प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी ने कहा कि संघर्ष के रूप में पहचान बनाने वाले हरियाणा का चित्र बदल रहा है और यहां विकास के नये आयाम स्थापित किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा तरक्की की राह पर तीव्रता से बढ़ रहा है। सूरजकुंड मेले ने हरियाणा को विश्व पटल पर अलग पहचान दी है। उन्होंने कहा कि 2013 में सूरजकुंड मेले को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाने लगा, जिससे गत वर्ष मेले में 20 देशों ने हिस्सा लिया था जबकि इस बार यह संख्या 23 पर पहुंच गई। उन्होंने कहा कि शिल्पकारों के साथ-साथ पुरानी संस्कृति से परिचित कराने वाले देश-विदेश के सैंकड़ों कलाकारों ने इसमें भाग लिया।
प्रो. सोलंकी ने कहा कि पैरिस में ग्लोबल वार्मिंग के खतरों से बचाव के लिए आयोजित विश्व के देशों की बैठक में सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने पर चर्चा की गई। इसके बाद हरियाणा के गुडग़ांव जिले को अंतर्राष्ट्रीय सोलर अलायंस के सेंंटर की स्थापना के लिए चुना गया। उन्होंने कहा कि वर्ष भर सूर्य की गर्मी से तपने वाले करीब 122 देशों का यह निर्णय था, जिससे हरियाणा के विकास पथ पर तेज गति से बढ़ते कदमों का अंदाजा लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हरियाणा आज हर दृष्टि से हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। इस दौरान उन्होंने सूरजकुंड मेले के सफल आयोजन के लिए बधाई दी।
तेलंगाना के उप-मुख्यमंत्री केएस श्रीहरि ने सूरजकुंड मेले में थीम स्टेट के रूप में प्रतिभागी बनाने के लिए हरियाणा सरकार का आभार प्रकट करते हुए घोषणा की कि जल्द ही तेलंगाना में सूरजकुंड की तर्ज पर मेले का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस आयोजन में सूरजकुंड में प्रतिभागिता से खासी मदद मिलेगी, जहां आयोजन संबंधी हर प्रकार की जानकारी मिली है। उन्होंने कहा सूरजकुंड मेले से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान स्थापित करने में मदद मिलती है। उन्होंने कहा कि तेलंगाना ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक दृष्टि से बेहद समृद्ध है, जिसकी प्रभावशाली झलक सूरजकुंड में प्रस्तुत की गई। उन्होंने कहा कि तेलंगाना के फैशन शो में विश्व स्तरीय पोचमपल्ली साडिय़ों का प्रदर्शन किया गया। उन्होंने कहा कि पर्यटन की दृष्टि से तेलंगाना बेहद समृद्ध है।
हरियाणा के पर्यटन मंत्री रामबिलास शर्मा ने अतिथियों का अभिनंदन करते हुए कहा कि सूरजकुंड में मेले में आने वाले लोगों की संख्या का आंकड़ा 15 लाख के पार पहुंच गया है, जबकि इसमें बेटियों की संख्या शामिल नहीं की गई। उन्होंने कहा कि भारत बेटियों का देश है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरियाणा की धरती से बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान का आगाज किया था जब यहां प्रति 1000 लडक़ों पर 847 लड़कियां थी जो कि अब 900 के पार पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि बेटी ही भारत है। यहां नवरात्रों में कन्या पूजन होता है। इसलिए बेटियों के संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए मेेले में आम दिनों में बेटियों के लिए नि:शुल्क प्रवेश की सुविधा दी गई। साथ ही उन्होंने हरियाणा की खड़ी बोली का उल्लेख करते हुए कहा यहां के लोगों की भावनाएं देखनी चाहिए। बोली और भावना मेल नहीं खाती। इसलिए यदि किसी को बोली अखरी हो तो वह उसे नजरअंदाज कर दें। उन्होंने कहा कि यह विदाई का समय है तो वातवावरण को गंभीर बना देता है किंतु हम आगामी वर्ष पुन: मिलने के लिए विदाई ले रहे हैं।
इस मौके पर राज्यपाल प्रो. सोलंकी तथा तेलंगाना के उप मुख्यमंत्री ने तेलंगाना राज्य पर तैयार शोध-रिपोर्ट का विमोचान भी किया, जिसमें तेलंगाना में निवेश और विकास की संभावनाओं की जानकारी दी गई है। इस दौरान राज्यपाल प्रो. सोलंकी तथा तेलंगाना के उप-मुख्यमंत्री को स्मृति चिन्ह भेंट किये गये। साथ ही पर्यटन मंत्री रामबिलास शर्मा को भी स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। इस मौके पर मुख्य संसदीय सचिव सीमा त्रिखा, बहादुरगढ़ के विधायक नरेश कौशिक तथा विधायक बनवारी लाल को भी स्मृति चिन्ह भेंट किये गये।
इसके पहले पर्यटन हरियाणा की प्रधान सचिव डा. सुमिता मिश्रा ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए मेले के विषय में सक्षिप्त जानकारी देते हुए कहा कि मेले में पर्यटन निगम के लिए यह 15 दिन बेहद खास होते हैं, जिसकी तैयारियां वर्षभर चलती हैं। उन्होंने कहा कि 30वें सूरजकुंड मेले में चीन, जापान, कोंगो, मालदीव तथा मिस्त्र सरीखे देशों ने पहली बार हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि मेले में करीब 988 शिल्पकारों ने हिस्सा लिया तथा 180 विदेशी लोक कलाकारों ने भाग लिया। उन्होंने मेले में राष्ट्रीय कार्यक्रमों जैसे कि डिजिटल इंडिया, स्वच्छ भारत अभियान तथा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ इत्यादि कार्यक्रमों का भी खूब प्रचार किया गया। उन्होंने कहा कि सूरजकुुंड मेले ने विश्व में संदेश दिया है कि हरियाणा में एग्रीकल्चर के साथ-साथ कल्चर भी है।
इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष गोपाल शर्मा तथा पूर्व अध्यक्ष अजय गौड़ सहित पर्यटन हरियाणा के प्रबंध निदेशक मुकेश यादव, तेलंगाना के पर्यटन सचिव वेंकटेशम तथा आयुक्त सुनीता सहित फरीदाबाद के पुलिस आयुक्त सुभाष यादव आदि अधिकारीगण एवं कर्मचारीगण मौजूद थे।