Shashi Thakur/Alive News
इसी वजह से मेला घूमने आने वाले लोगों को सुरक्षा कारणों के चलते बाहर जाने से पुलिस अधिकारियों ने करीब एक घंटे पहले रोक दिया तो पर्यटक भडक गए और पर्यटकों ने सरकार के मुख्यमंत्री, मंत्रियों और अधिकारियों के खिलाफ ‘वी वांट जस्टिस’ के जमकर नारे लगाए।
मेले में वीवीआईपी कल्चर से परेशान पर्यटकों ने सरकार के मंत्रियों और जिला प्रशासनिक अधिकारियों को मेला बंद करने की नसीहत देते हुए कहा कि सूरजकुंड मेला सरकार के मंत्रियों और जिला प्रशासनिक अधिकारियों के मौज मस्ती का अड्डा बन चुका, ऐसा मेला जनता को नही चाहिए जो जनता का न होकर वीवीआईपी का हो।
दरअसल, बुधवार को सूरजकुंड मेले में मीका सिंह का नाइट शो था। इस नाईट शो में मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी पहुंचने वाले थे। लेकिन मुख्यमंत्री के पहुंचने के एक डेढ़ घंटे पहले ही पुलिस प्रशासन ने पूरे सूरजकुंड मेले को छावनी में तब्दील कर दिया और मेले के लगभग सभी रास्ते ब्लॉक कर दिए। जो लोग दूर दराज से या फिर ऑफिस की छुट्टी लेकर मंहगी टिकट खरीदकर मेला देखने आए थे वह कई घंटो के लिए मेले में कैद होकर रह गए थे। जिसके कारण पर्यटकों का गुस्सा सीएम मनोहर लाल, मंत्रियों और जिला प्रशासनिक अधिकारियों पर जमकर फूटा और लोगों ने मेले के बीच में ही ‘वांट जस्टिस’ के नारे लगाने शुरू कर दिए थे।
आलम यह रहा कि पर्यटकों ने सीएम की सुरक्षा में तैनात पुलिस कर्मियों से बाहर जाने देने की बहुत प्रार्थना की। लेकिन कर्मियों ने किसी की एक न सुनी, जिसकी वजह से पर्यटकों ने जमकर सरकार के खिलाफ जमकर जहर उगला।
क्या कहना है पर्यटकों का
-राकेश अग्रवाल, पर्यटक।
सूरजकुंड मेले में आज सेलिब्रिटी मिका सिंह नाइट शो में आने वाले हैं। मीका सिंह का नाइट शो देखने के लिए लोग काफी उत्साहित होकर मेले में आ रहे हैं। मेला अधिकारियों ने मीका सिंह नाइट शो होने के कारण ऑनलाइन टिकट के दामों में बेहिसाब बढ़ोतरी कर दी है। एक टिकट 1500 से 2000 के करीब बेची गई है। इन्होंने मेले की ऑनलाइन साइट पर वीआईपी मूवमेंट को लेकर रास्ता ब्लॉक होने या बड़ी चौपाल पर ब्लैक पर्दे लगाने या अन्य किसी भी तरह की जानकारी लोगों को नही दी थी। वरना, हम आज मेले में नही आते।
-शशि, पर्यटक।
मैं हिमाचल प्रदेश से मेला देखने आई हूं। यदि मेले में वीआईपी मूवमेंट के कारण रास्ता 1 घंटे ब्लॉक करना है तो मेला अधिकारियों को इसकी जानकारी लोगों को देनी चाहिए थी ताकि लोग महंगे टिकट खरीदकर मेले में नही आते और अपना समय बर्बाद ना करते। क्योंकि सूरजकुंड मेला इस समय मंत्रियों और जिला प्रशासनिक अधिकारियों की मौज मस्ती का अड्डा बन चुका है। यदि मेला अधिकारियों का पर्यटकों के प्रति यही रवैया रहा तो हमें फरीदाबाद में इस तरह का अंतरराष्ट्रीय मेला नही चाहिए। क्योंकि ऐसे मेला फेल हो रहा है।
– कामना, पर्यटक।