November 23, 2024

सुप्रीम कोर्ट पुनर्वास और फार्म हाउस तोड़फोड़ मामले में तीन अगस्त को करेगा सुनवाई

Faridabad/AliveNews: सुप्रीम कोर्ट खोरी वासियों के पुनर्वास और फार्म हाउस तोड़फोड़ मामले में तीन अगस्त को सुनवाई करेगा। नगर निगम ने भी खोरी वासियों के पुनर्वास के लिए तैयारियां करनी शुरू कर दी है। साथ ही पुनर्वास के लिए निगम ने डबुआ कॉलोनी और बापू नगर में करीब ढाई हजार फ्लैट लोगों को देने की तैयारी की है। नगर निगम के मुताबिक जल्द ही इनकी मरम्मत शुरू कर दी जाएगी और इन फ्लैटों में रहने वालों को सरकार की ओर से दो हजार रुपये प्रति माह मकान के किराए के रूप में दिए जाएंगे।

गौरतलब रहे कि पिछले दिनों अरावली वन क्षेत्र में बसे खोरी गांव में तोड़फोड़ की कार्रवाई को लेकर रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इस याचिका के माध्यम से लोगों ने कोर्ट से गांव में तोड़फोड़ की कार्रवाई को रोकने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 23 जुलाई को सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार से खोरी गांव के विस्थापित लोगों को पुनर्वास योजना को संशोधित करके अधिसूचना जारी करने को कहा। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार को 31 जुलाई तक का समय दिया था।

इसके अलावा कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को यह भी छूट दी थी कि पुनर्वास योजना को लेकर यदि याचिकाकर्ताओं को कोई आपत्ति है तो वह सरकार के इस योजना को तर्कों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट आगे इस मामले की अगली सुनवाई तीन अगस्त को करने को कहा। इसके बाद ही तोड़फोड़ कार्रवाई की स्थिति साफ हो पाएगी कि फार्म हाउस सहित शिक्षण संस्थान, सोसाइटी और होटल बचेंगे या तोड़े जाएंगे।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने खोरी गांव को छह सप्ताह के अंदर खाली कराने का आदेश दिया है। इसका लोग विरोध कर रहे हैं। मामले में 23 जुलाई को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अरावली में बने फार्म हाउस सहित सभी प्रकार के अवैध कब्जों को चार सप्ताह में खाली करवाने के आदेश दिए थे।
चंडीगढ़ का चक्कर लगा रहे फार्म हाउस और शिक्षण संस्थान मालिक
फार्म हाउसों सहित शिक्षण संस्थान, हाईराइज सोसाइटी, कॉलोनियों पर तोड़फोड़ कार्रवाई की जानी है। तोड़फोड़ कार्रवाई से बचने के लिए फार्म हाउस और शिक्षण संस्थान मालिकों ने चंडीगढ़ के चक्कर लगाने के शुरू कर दिए। शनिवार को कई फार्म हाउस संचालक चंडीगढ़ उच्च अधिकारियों से मिलने के लिए गए। हालांकि उन्हें उच्च अधिकारियों की ओर से कोई खास राहत नहीं मिली है।