New Delhi/Alive News : भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने छह छात्रों द्वारा दायर एक याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआईएससीई) को हाइब्रिड मोड में टर्म 1 परीक्षा को आयोजित करने का निर्देश देने की मांग की गई थी। लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने अधिवक्ता संजय हेगड़े के माध्यम से दायर याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इस पर विचार नहीं किया जा सकता है।
सीबीएसई टर्म 1 की परीक्षाएं शुरू हो चुकी हैं और सीआईएससीई की परीक्षाएं अगले सप्ताह शुरू होंगी। मिली जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने सुनवाई के दौरान कड़ी टिप्पणी करते हुए याचिकाकर्ताओं को आखिरी मिनट में रुकावट के खिलाफ चेतावनी दी। कोर्ट ने कहा कि शिक्षा प्रणाली के साथ खिलवाड़ मत करो। अधिकारी अपना काम अच्छे से करें। अब बहुत देर हो चुकी है।
जानकारी के अनुसार याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया था कि ऑफ़लाइन परीक्षा ने उन्हें कोविड-19 संक्रमण के जोखिम में डाल दिया है। याचिका में कहा गया है, “ऑफ़लाइन परीक्षाओं के माध्यम से लगातार संपर्क में आने से कोविड-19 में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, जो मनमाना और स्वास्थ्य के अधिकार का उल्लंघन है।” उन्होंने कहा कि परीक्षा का हाइब्रिड मोड समय की जरूरत है, क्योंकि यह सामाजिक दूरी को बेहतर बनाता है, लॉजिस्टिक बाधाओं पर तनाव कम करता है।