Faridabad/Alive News : वाईएमसीए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, फरीदाबाद ने राष्ट्रीय अकादमिक डिपाजिटरी (एनएडी) प्रकोष्ठ स्थापित करने के लिए सेंट्रल डिपाजिटरी सर्विसेज लिमिटेड के साथ एक समझौता किया है। एनएडी शैक्षणिक दस्तावेजों का एक ऑनलाइन स्टोर है, जहां शैक्षणिक संस्थान द्वारा डिग्री, डिप्लोमा, प्रमाण पत्र तथा मार्क-शीट्स को डिजिटल प्रारूप में रखा जाता है।
उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने अपने परिपत्र में विश्वविद्यालयों को एनएडी प्रकोष्ठ स्थापित करने तथा आदमिक दस्तावेजों की डिजिटल प्रारूप में प्रमाणिकता सुनिश्चित बनाये रखने के लिए सरकार द्वारा अनुमोदित दो डिपाजिटरी नामत: एनएसडीएल डाटाबेस मैनेजमेंट लिमिटेड तथा सीडीएसएल वेंचर्स लिमिटेड में से किसी एक के साथ सर्विस लेवल एग्रीमेंट करने के लिए कहा था। समझौते पर प्रसन्नता जताते हुए कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने कहा कि अकादमिक प्रमाण पत्रों की डिजिटल डिपाजिटरी बनाना तथा इसका रख-रखाव एक महत्वपूर्ण तथा जिम्मेवारी का कार्य है। उन्होंने कहा कि दस्तावेजों के डिजिटल होने से भावी नियोक्ताओं तथा शैक्षणिक संस्थानों को विद्यार्थियों के अकादमिक प्रमाण पत्रों की सत्यापन प्रक्रिया आसानी होगी।
कुलसचिव डॉ. एस.के.शर्मा ने कहा कि विश्वविद्यालय की इस पहल से विद्यार्थियों को दाखिले के समय मार्क-शीट्स तथा प्रमाण पत्रों प्राप्त करने के लिए चक्कर काटने नहीं पड़ेंगे और भविष्य में विश्वविद्यालय कागज आधारित प्रमाण पत्र जारी करने को बंद करने के विकल्प पर भी विचार कर सकता है। विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ. हरि ओम ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक डिपाजिटरी में अकादमिक दस्तावेजों के रख-रखाव से शिक्षण संस्थानों, विद्यार्थियों तथा नियोक्ताओं को काफी लाभ होगा क्योंकि वे आदमिक दस्तावेजों को आनलाइन देख सकेंगे और उन्हें प्रमाण पत्रों के सत्यापन के लिए शिक्षण संस्थान जाना नहीं पड़ेगा। एनएडी के माध्यम से चौबीस घंटे शैक्षणिक दस्तावेजों की जानकारी सुरक्षित तरीके से हासिल की जा सकती है।