Faridabad/Alive News : स्कूल बच्चों के भविष्य को संवारने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है इसीलिए प्रत्येक बच्चे को स्कूल में प्राप्त शिक्षा को ग्रहण करने में पूरी ईमानदारी एवं कर्तव्यनिष्ठा दिखानी चाहिए यह उदगार उद्योग एवं वाणिज्य विकास मंत्री विपुल गोयल ने सैक्टर-88 स्थित सेंटर पीटर्स स्कूल के सिल्वर जुबली के कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि शिरकत करते हुए उपस्थित जनसमूह को सम्बोधित करते हुए कहे। गोयल ने कहाकि शिक्षा ही वह माध्यम है जिससे आप अपने जीवन को सफल एवं बुलंदियों पर पहुंचा सकते है इसीलिए इसको प्राप्त करने में किसी प्रकार की ढील ना बरते।
इस अवसर पर बिग्रेडियर एस.एन. सेतिया, आर्च विषय वीनसेट, एम कोनऐसाओ, रेवलन फादर सिरयिक, प्रो. विन्ष्यत सुपीरियरन, सिस्टर जानसी मारिया आदि ने उपस्थित होकर इस उत्सव की शोभा बढाई। समारोह का प्रांरभ प्रार्थना गीता से किया गया। जिसमें सेक्टर 88 स्कूल के छात्र छात्राओं ने अपने नृत्यागान से वातावरा भक्तिमय बना दिया। दीप प्रज्जविल कर उत्सव का शुभारंभ माननीय मंत्री द्वारा किया गया। रेवलन फादर सिरियक ने उपस्थितजनों को सम्बोधित करते हुए कहा कि अभिभावको को बच्चो में नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों का विकास करने की जरूरत है।
इस अवसर पर प्रधानाचार्या ने विद्यालय की रिपोर्ट पढ़ी तथा विद्यालय की उपलब्धियों से अवगत कराया। आर्चविषय वीनसेट कोनसेसाओ ने विद्यालय की पत्रिका का अनावरण किया तथा इसकी पहली प्रति सुश्री वीना सेठी को भेट की। विद्यालय की पहली प्रधानाचार्या रोज विजया का परिचय उपस्थित जनो से कराया गया तथा उन्हें सम्मानित भी किया गया। इसके अतिरिक्त विद्यालय के शैक्षिक व गैर शैक्षिक कर्मचारियों को भी सम्मानित किया गया। विद्यालय की छात्राओं प्रन्यूजन डांस, कथक, भारतनाटयम, ओडिसी ने सबको मंत्र-मुम्धा किया जिसे उपस्थितजनो ने काफी पंसद किया।
समारोह में विद्यालय के एलकेजी से दसवी तक के छात्र छात्राओं ने सिल्वर सागा नामक नृत्य नाटिका प्रस्तुत की जिसमे एक छात्र के जीवन को दर्शाया गया। सेंट पीटर के नन्हे मुननो ने स्कूल के महत्व को नृत्य गान के माध्यम से बताया जिन्हे देखकर ऐसा लग रहा था मानो रंग बिरगे तारे जमीन पर आ गये हो। समारो की समाप्ति विभिन्न प्रदेशों के नृत्य व झाकियां प्रस्तुत करते हुए की जोकि हमारे देश की विविधता में एकता को दर्शा रही थी तथा एकता के सुर में मिलने का संदेश दे रही थी। दर्शक मिले सुर मेरा तुम्हारा की धुन से मोहित हो गये। समारोह की समाप्ती पर राष्ट्रगान से की गयी।