November 15, 2024

छात्राओं ने पोस्टर बनाकर मनाया ‘मदर्स डे’

Faridabad/Alive News: मां..ये शब्द कहने से ही सबसे बड़ी पूजा हो जाती है और बरसता है भगवान का आशीर्वाद। ऐसा माना जाता है कि अंतर्राष्ट्रीय मदर्स डे मनाने की शुरुआत अमेरिका से हुई थी। वर्ष1912 में जब एना जार्विस नाम की अमेरिकी कार्यकर्ता ने अपनी मां के निधन के बाद इस दिन को मनाने की शुरुआत की थी। विशेष यह है कि पूरे विश्व में मदर्स डे को लेकर एक राय नहीं है। हमारे देश भारत में इसे मई के दूसरे रविवार के दिन मनाया जाता है।

राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय एन एच तीन फरीदाबाद में जूनियर रेडक्रॉस, सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड और गाइड्स ने प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा की अध्यक्षता में वर्चुअल मां दिवस मनाया। विद्यालय की छात्राओं निशा, भूमिका, प्रीति, अंजू, आरती, राधा गुप्ता स्नेहा, नेहा, अंजुम, तबिंदा, भूमिका, प्रिया सहित सभी ने मां के सम्मान में ग्रीटिंग्स और उपहार मां को भेंट किए। विद्यालय के प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने बताया कि मां का जीवन त्याग, प्रेम और देखभाल जैसी चीजों के बीच होता है। मां अपने बच्चों से बिना किसी शर्त के प्यार करती है।

मां के इसी त्याग और बलिदान को याद करने के लिए यह दिवस और भी विशेष हो जाता है मनचंदा ने कहा कि हर व्यक्ति की जिंदगी में मां के लिए खास जगह होती है। एक मां अपने बच्चे के लिए निस्वार्थ भाव से प्रेम करती है। उसके लिए कई बलिदान देती है। जीवन के कठिन पलों में भी खुशियां बांटती है। इसी वजह से मां और बच्चे का रिश्ता बहुत अनमोल होता है। मां के किए गए वलिदान को बच्चे कभी भी नहीं चुका सकते हैं। लेकिन आप चाहे तो उनके साथ कुछ खुशियां बांट कर उन्हें शुक्रिया तो कह ही सकते हैं।

उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण विद्यालयों में अवकाश हैं और विद्यालय के बच्चें अवकाश के दौरान ई गतिविधियों में अपनी रुचियों और रचनात्मकता को बढ़ा रहे हैं आज बच्चों ने मां के सम्मान में कविताएं भी लिखी जैसे ” हर इंसान के ज़िन्दगी में वह सबसे ख़ास होती है, दूर होते हुए भी वह दिल के पास होती है, जिसके सामने मौत भी अपना सर झुका दे, वह और कोई नहीं बस माँ होती है।

मां की महिमा को शब्दों में वर्णन नहीं किया जा सकता और ना ही हम कभी मां का ऋण उतार सकते हैं। प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने कहा कि मुन्नवर राणा की ये पंक्तियां “लबों पे उसके कभी बद्दुआ नहीं होती बस एक मां है जो कभी ख़फ़ा नहीं होती”। प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने मां दिवस पर सुंदर वर्चुअल आयोजन के लिए कॉर्डिनेटर गणित प्राध्यापिका जसनीत कौर और सभी प्रतिभागी छात्राओं का विशेष आभार व्यक्त करते हुए अभिनंदन किया।