November 23, 2024

सेहतपुर के सरकारी स्कूल की जर्जर हालत को लेकर विद्यार्थी और सामजसेवी बैठे धरने पर

Faridabad/Alive News : जिला प्रशासन चाहे कितने ही विद्यालय के सुंदरीकरण का दावा कर लें, लेकिन बेहतरीन के तमाम दावों के बीच सेहतपुर स्थित राजकीय वरिष्ठ माद्यमिक महाविद्यालय का जर्जर स्कूल भवन जिला प्रशासन की नाकामी का जीता-जागता उदाहरण है। जिसको लेकर आज कई समाजसेवी और बच्चे स्कूल के सामने कई घंटों तक धरने पर बैठे रहे। वहीं समाजसेवियों का कहना है कि इस समय भवन की हालत ऐसी है कि यह कभी भी भरभरा कर गिर सकती है। ऐसे में इस भवन में कक्षाएं चलाना विद्यार्थियों के जीवन से खिलवाड़ है।

गौरतलब रहे कि, राजकीय वरिष्ठ महाविद्यालय की हालत अत्यंत दयनीय बनी हुई है। वहीं शिक्षा विभाग भी विद्यालय के करीब 18 से 20 कमरों को निष्प्रयोजित घोषित कर चुका है। बावजूद इसके विद्यार्थी इन जर्जर कमरों में बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर है। इतना ही नहीं विद्यालय के सभी पुराने शिक्षण कार्य भी इसी जर्जर भवन में किए जा रहे है। विद्यार्थियों के अनुसार बारिश के दिनों में तो विद्यालय की स्तिथि बद से बदत्तर हो जाती है। सभी कमरों में दरार पड़ी हुई है साथ ही कई कमरों के तो लेंटर भी गिर चुके है। जिसके कारण बारिश के दिनों में कमरों से लेकर कार्यालय तक में पानी टपकता है और कार्यालय में रखीं किताबें व अन्य सामग्री भीगकर खराब हो हो जाती हैं।

इतना ही नहीं विद्यालय के कमरों में लाइट्स,पंखों के साथ साथ विद्यार्थियों के बैठने के लिए बेंच की भी सुविधा उपलब्ध नही है। जिसके कारण बच्चे स्कूल के खुले मैदान में दरी बिछाकर पढ़ने के लिए मजबूर है। वहीं अगर बात करें स्कूल की साफ सफाई व्यवस्था की तो यहां विद्यार्थियों के लिए बने वाशरूम बिल्कुल कंडम हो चुके है। हालांकि, दो वर्ष पहले स्कूल में नए वाशरूम बनाए गए थे लेकिन वह भी बदहाल है। साथ ही स्कूल में विद्यार्थियों के लिए पीने की पानी की भी व्यवस्था नही है। जबकि क्षेत्रफल की दृष्टि से यह विद्यालय जिले का सबसे बड़ा सरकारी स्कूल है।

क्या कहना है विद्यार्थियों का
इस स्कूल को हम कई सालों से इसी स्थिति में देखते आ रहे है। इसी को लेकर आज हम धरने पर बैठे है। मुझे इस स्कूल से दसवीं पास करें करीब तीन साल हो गए है। तब भी इस स्कूल में कोई सुविधा नही थी और हम खुले मैदान में दरियों पर बैठकर पढ़ने के लिए मजबूर थे और आज भी बच्चे मजबूर है।

  • ओम कुमार, विद्यार्थी

मैं इसी स्कूल के कक्षा 11वीं का छात्र हूं। मुझे कई साल हो गए इस स्कूल में पढ़ते हुए लेकिन स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है। इस स्कूल में ना तो वाशरूम की सुविधा है और नाही पीने का पानी उपलब्ध है। और तो और हम सभी छात्र ना चाहते हुए भी अपनी जिंदगी दांव पर लगाकर इस जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर है। इन्हीं सभी समस्याओं के समाधान को लेकर आज हम धरने पर बैठे है।

  • ज़ैद सैफी, विद्यार्थी

जब भी स्कूल के मरम्मत की बात आती है तो केवल स्कूल के प्रवेश द्वार का सुंदरीकरण कर दिया जाता है। बाकी स्कूल के अंदर के सभी जर्जर कमरों और बाकी समस्याओं को लेकर कोई कार्यवाही नहीं की जाती।

अभिषेक, विद्यार्थी

कई बार इसकी शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी से करने के साथ अन्य कई अधिकारियों से भी की है। लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नही हुई है। अधिकारियों से केवल आश्वासन मिलता है। वहीं जब हमने जिला शिक्षा अधिकारी से बात की तो उन्होंने कहा कि स्कूल की प्रिंसिपल कोई कार्यवाही नही होने दे रही है। लेकिन इस प्रदर्शन के बाद भी अगर प्रशासन कोई कार्यवाही नहीं करता तो हम प्रधानमंत्री तक अपनी बात रखेंगे।

सुनील दत्त, समाजसेवी

क्या कहना है जिला शिक्षा अधिकारी का
स्कूल को लेकर कई लोगों की शिकायत आयी है। मैने संबधित मामले में संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश डीपीसी को दे दिए है। अगर इसके बाद भी कोई कार्यवाही नही होती तो मैं खुद स्कूल का दौरा करके इस मामले में कार्यवाही करने का आश्वासन देती हूं।

रितु चौधरी, जिला शिक्षा अधिकारी फरीदाबाद।