21 साल की उम्र में स्टीफन हॉकिंग एक भयानक बीमारी की चपेट में आ गए थे. जिसके बाद उनके डॉक्टरों ने कह दिया था कि वो दो साल से ज्यादा नहीं जी पाएंगे, लेकिन 50 से ज्यादा साल जीने के दौरान हॉकिंग ने अपने डॉक्टरों की भविष्यवाणी को गलत साबित कर दिया.
वे ऐसे वैज्ञानिक थे जो दुनिया को अलग नजरिए से देखते थे. उन्होंने अपनी सफलता का राज बताते हुए कहा था कि उनकी बीमारी ने उन्हें वैज्ञानिक बनाने में सबसे बड़ी भूमिका अदा की थी. क्योंकि बीमारी से पहले वे अपनी पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान नहीं देते थे लेकिन बीमारी के दौरान उन्हें लगने लगा कि वे लंबे समय तक जिंदा नहीं रह सकते . जिसके बाद उन्होंने अपना सारा ध्यान रिसर्च पर लगा दिया.
बच्चों को दिए खास टिप्स
स्टीफन जितने महान वैज्ञानिक थे उतने की अच्छे पिता थे. उन्होंने अपने बच्चों को खास टिप्स देते हुए कहा था कि – पहली बात तो यह है कि हमेशा सितारों की ओर देखो न कि अपने पैरों की ओर. दूसरी बात कि कभी भी काम करना नहीं छोड़ो, कोई काम आपको जीने का एक मकसद देता है. बिना काम के जिंदगी खाली लगने लगती है. तीसरी बात यह कि अगर आप खुशकिस्मत हुए और जिंदगी में आपको आपका प्यार मिल गया तो कभी भी इसे अपनी जिंदगी से बाहर मत फेंकना. उन्होंने बच्चों को बताया कि मनुष्य की सबसे बड़ी सफलताएं बात करने से हासिल हुई हैं और सबसे ज्यादा विफलता नहीं बात करने से हुई है. हम लोगों को हमेशा बात करते रहने की जरूरत है.
अपंग होना बुरी बात नहीं
स्टीफन हॉकिंग ने शारीरिक रूप से विकलांग लोगों के लिए सलाह देते हुए कहा था कि आपके शरीर की कमी कुछ भी अच्छा करने से नहीं रोक सकती है. इसका कभी भी अफसोस भी नहीं करना चाहिए. साथ ही अपंग होना बुरी बात नहीं है.
जीवन में सफलता के अचूक मंत्र
सफलता के अचूक मंत्र देते हुए स्टीफन ने कहा था कि कभी सवाल करना न छोड़े. अपने भीतर हमेशा उस बच्चे के जिंदा रखें जो ‘कैसे’ ‘क्यों’ का सवाल करता है. उन्होंने कहा इंसान को कभी मौत से नहीं डरना चाहिए. मौत आने से पहले खूब काम करें. वहीं उन्होंने गुस्सा को मानवता का सबसे बड़ा दुश्मन बताते हुए कहा कि जीवन में सफलता चाहते हैं तो इससे दूर रहें.
बता दें स्टीफन ने कुछ कुछ किताबे में भी लिखी है. उनकी कुछ महत्वपूर्ण किताबे इस प्रकार है.
ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम
द ग्रांड डिजाइन
यूनिवर्स इन नटशेल
माई ब्रीफ हिस्ट्री
द थ्योरी ऑफ एवरीथींग