History/Alive News: रक्तदान को महादान कहा जाता है। रक्तदान करने से न जानें कितने लोगों की जान बचाने में मदद मिलती है। कई जानलेवा मेडिकल कंडिशन्स में डोनेट किए गए ब्लड की मदद से मरीज की जान बचाई जाती है। इसलिए रक्तदान जैसे कार्य के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने की कोशिश की जाती है। हर साल रक्तदान जैसे नेक काम के बारे में लोगों को जागरूक बनाने के लिए, 14 जून को वर्ल्ड ब्लड डोनर डे मनाया जाता है।
रक्तदान का मेडिकल क्षेत्र में कितनी अहम भूमिका है, इस बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए यह दिन मनाया जाता है। यह दिन इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस दिन सभी ब्लड डोनर्स का भी शुक्रिया अदा किया जाता है, जिनकी वजह से लाखों लोगों की जान बचाने में मदद मिलती है। इसलिए इस दिन लोगों को रक्तदान के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
रिचर्ड लोवर नाक के एक वैज्ञानिक ने 1940 में दो कुत्तों के बीच सबसे पहला सफल ब्लड ट्रांसफ्यूजन किया, जिसके कोई दुष्परिणाम देखने को नहीं मिले। इसी परीक्षण को नीव बनाकर इंसानों में भी ब्लड ट्रांसफ्यूजन की तकनीक विकसित की गई। इसके बाद साल 2005 में वर्ल्ड हेल्थ असेंबिली ने 14 जून को वर्ल्ड ब्लड डोनर डे की तरह मनाने की घोषणा की और तब से इस दिन को मनाने की शुरुआत हुई। इस साल इस दिन को मनाने के बीस वर्ष पूरे हो रहे हैं।