April 20, 2024

भारत को विकसित बनाने में कौशलता महत्वपूर्ण संसाधन : राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय

Palwal/Alive News : हरियाणा के राज्यपाल एवं कुलाधिपति एसवीएसयू बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि युवा वर्ग अपना कौशल इतना विकसित करें, कि वे नौकरी देने वाले बने, न की नौकरी मांगने वाले। बेरोजगारी का समाधान कौशल है, जितना हमारा कौशल बढ़ेगा, बेरोजगारी उतना ही कम होगी। युवाओं को शिक्षा के साथ-साथ नैतिक शिक्षा का ज्ञान देना भी अति आवश्यक है।

राज्यपाल ने यह वक्तव्य विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए। उन्होंने दीक्षांत समारोह में दो मानद पीएचडी सहित 161 विद्यार्थियों को विभिन्न विषयों से संबंधित डिग्री प्रदान की, जिसमें 136 लड़के व 25 लड़कियां शामिल है।

उन्होंने कहा कि दूधौला में स्थापित विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय अपनी तरह का ऐसा पहला देश है जहां इस तरह का विश्वविद्यालय है, जोकि हरियाणा व इस क्षेत्र के लिए गौरव की बात है। आज भगवान विश्वकर्मा की जयंती है, जिसे निर्माण व सृजन का देवता माना जाता है, वहीं आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन भी है, जिन्होंने देश के नवनिर्माण का अभियान शुरू किया हुआ है। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू की जोकि शिक्षा जगत के लिए क्रांतिकारी कदम है। इस नई शिक्षा नीति के अनुरूप यह उम्मीद की जा सकती है कि यह विश्वविद्यालय युवा पीढी के भविष्य की कायापलट का वाहक साबित होगा।

आज देश में आजादी के 75वें वर्ष को अमृत महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। वर्तमान की मांग के अनुसार कृषि, विज्ञान, कला, कौशल, संस्कृति एवं सामाजिक क्षेत्रों में युवा पीढ़ी के सपने कौशल शिक्षा के माध्यम से ही साकार हो सकेंगे। आज कौशल शिक्षा, प्रौद्योगिकी विकास, रोजगारन्मुखी, शिक्षा प्रक्रिया के नए एक्शन प्लान की आवश्यकता है। नई शिक्षा नीति में कौशल एवं प्रौद्योगिकी शिक्षा पर बल दिया गया है। अब शिक्षण संस्थानों में प्रौद्योगिकी शिक्षा के लिए दो तिहाई समय तय किया गया है। आज बच्चों को जो डिग्री व डिप्लोमा दिए गए हैं, वे जीवन के हर क्षण में उनके उनके सच्चे साथी साबित होंगे और जीवन की परिस्थितियों में निर्वाहन करने में संतुलन प्रदान करेंगे। भारत को सर्वश्रेष्ठ बनाने के लिए एक वैश्विक दृष्टिïकोण विकसित करने तथा ज्ञान व अनुशासन के बल पर आगे बढ़ाना होगा। कौशल शिक्षा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में शोध अब प्रयोगशालाओं से जनसामान्य तक पहुंचना शुरू हो गया है। यही शोध हमें तकनीकी रूप से मजबूत एवं सक्षम बनाएगा।