Health/Alive News: हेल्दी रहने के लिए शारीरिक एक्टिविटीज करना बेहद जरूरी होता है। फिजिकली एक्टिव रहने से सेहत से जुड़ी कई बीमारियों का जोखिम कम होता है, लेकिन तकनीक के विकास और जीवनशैली में बदलाव की वजह से कई लोग सेडेंटरी लाइफस्टाइल फॉलो करने लगे हैं। सेडेंटरी लाइफस्टाइल का मतलब होता है, ऐसी जीवनशैली जिसमें व्यक्ति ज्यादा से ज्यादा समय बैठकर बिताता है और फिजिकल एक्टिविटी बस नाम मात्र रह जाती है।
हाल ही में एक स्टडी में सेडेंटरी लाइफस्टाइल की वजह से महिलाओं की सेहत पर होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। जर्नल ऑफ अमेरिकन हार्ट एसोशिएशन में पब्लिश हुई इस स्टडी में पता चला कि जो महिलाएं दिन में 11 घंटे से ज्यादा समय बैठकर बिताती हैं, उनमें प्रीमेच्योर डेथ का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है।
इस स्टडी के लिए 5000 महिलाओं को शामिल किया गया, जिनकी उम्र 60 साल से ज्यादा थी। इन महिलाओं से 8 साल तक उनकी सेहत और लाइफस्टाइल से जुड़े सवालों पर फॉलो-अप लिए गए। इस स्टडी में पाया गया कि 11 घंटे से ज्यादा बैठने वाली महिलाओं में हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है। इस कारण हार्ट अटैक और स्ट्रोक की वजह से मौत का जोखिम बढ़ जाता है।
दरअसल, ज्यादा समय बैठने से ब्लड सर्कुलेशन धीमा हो जाता है और मेटाबॉलिक रेट भी कम हो जाता है। इन कारणों से दिल पर काफी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जो जानलेवा साबित हो सकता है। सेडेंटरी लाइफस्टाइल की वजह से कई मेटाबॉलिक डिजीज, जैसे डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, ओबेसी जैसी बीमारियों का जोखिम बढ़ता है, जो आगे चलकर दिल को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
इसके अलावा, सेडेंटरी लाइफस्टाइल की वजह से दिमागी सेहत पर भी काफी नेगेटिव इफेक्ट देखने को मिलते हैं। पहले आई एक स्टडी में यह पाया गया था कि ज्यादा समय तक बैठने की वजह से डिमेंशिया का खतरा बढ़ता है। इसलिए एक्टिव रहना काफी महत्वपूर्ण है।
इस स्टडी में ध्यान देने वाली बात यह भी है कि इस स्टडी के मुताबिक, यह भी पाया कि एक्सरसाइज करने के बाद भी अगर ज्यादा समय तक बैठते हैं, तो भी दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।