Faridabad/Alive News : पाली-सोहना रोड पर स्थित शिक्षा भारती पब्लिक स्कूल ने आज शहीदे आज़म सरदार भगत सिंह का 110 वां जन्मदिन मनाया। स्कूल की प्रिंसीपल सुशील गेरा ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि भगत सिंह का जन्म 27 सितम्बर 1907 को लायलपुर जि़ले के बंगा में हुआ था, जो अब पाकिस्तान में है। भगत सिंह का परिवार एक आर्य-समाजी सिख परिवार था।
भगत सिंह करतार सिंह सराभा और लाला लाजपतराय से अत्याधिक प्रभावित रहे। भगत सिंह को 23 मार्च 1931 की शाम सात बजे सुखदेव और राजगुरु के साथ फांसी पर लटका दिया गया। तीनो ने हंसते-हंसते देश के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया। स्कूल के निर्देशक एवं अधिवक्ता सुरेन्द्र गेरा ने भगत सिंह को याद करते हुए कहा कि पूत के पांव पालने में ही दिखाई पड़ जाते हैं। आपने बताया पांच वर्ष की आयु में ही भगत सिंह के खेल भी अनोखे थे।
वह अपने साथियो को दो टोलियो में बांट देता था और वे परस्पर एक-दूसरे पर आक्रमण करके युद्ध का अभ्यास किया करते। भगत सिंह के हर कार्ये में उसके वीर, धीर और निर्भीक होने का आभास मिलता था। बहुत ही कम लोग जानते है कि भगत सिंह एक अच्छे वक्ता होने के साथ साथ पाठक व् लेखक भी थे। उन्होंने कई पत्र पत्रिकाओं के लिए लिखा व् संपादन भी किया। मेरा रंग दे बसंती चोला गाने के बोल के साथ कार्यक्रम का समाप्र किया गया।