Faridabad/Alive News : हरियाणा महिला कांग्रेस कमेटी की महासचिव श्रीमती रेनू चौहान ने पूर्व मुख्य संसदीय सचिव एवं बल्लभगढ़ की पूर्व विधायक कुमारी शारदा राठौर पर स्वार्थ की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि चुनावों की आहट होते ही वह बरसाती मेंढक़ की भांति राजनीति में फिर सक्रिय हो गई है, जबकि पिछले 3 सालों तक वह पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए थी। उन्होंने कहा कि सच्चाई तो यह है कि उनका कांग्रेस पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है और वह पार्टी की प्राथमिक सदस्य तक नहीं है।
यहां जारी एक प्रेस बयान में रेनू चौहान ने कहा कि वर्ष 2004 से वर्ष 2014 तक वह हरियाणा सरकार में मुख्य संसदीय सचिव के पद पर रही परंतु वर्ष 2014 में कांग्रेस पार्टी के गिरते ग्राफ के चलते उन्होंने अपनी आस्था भाजपा पार्टी में जताते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से बल्लभगढ़ से भाजपा की टिकट पर चुनाव लडऩे के लिए दिल्ली मिलने पहुंच गई, जहां उन्होंने शाह से मिलने के बाद मीडिया के समक्ष यह बयान दिए था कि उनका कांग्रेस से कोई लेना-देना नहीं है क्योंकि इस पार्टी में भ्रष्टाचार का बोलबाला है इसलिए उनका कांग्रेस से विश्वास उठ गया है तथा वह भाजपा की नीतियों में आस्था जता रही है।
इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर जातिवाद, क्षेत्रवाद व नौकरियों में भेदभाव बरतने तक के गंभीर आरोप लगाए। रेनू चौहान ने कहा कि जब भाजपा में उनकी दाल नहीं गली तो उन्होंने बल्लभगढ़ के कांग्रेस प्रत्याशी की खुलकर खिलाफत की थी और उन्होंने व उनके परिवार ने इनेलो प्रत्याशी ललित बंसल की खुलकर मदद की थी। इस दौरान जब हुड्डा परिवार ने उनसे संपर्क साधने का प्रयास किया तो उन्होंने उनसे मिलने तक मना कर दिया।
श्रीमती चौहान ने कहा कि शारदा राठौर कांग्रेस की मेम्बर तक नहीं है और अब जब फिर से कांग्रेस का ग्राफ बढ़ रहा है और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने वाली है इसलिए टिकट और पद पाने के लिए वह भूपेंद्र सिंह हुड्डा और अशोक तंवर के घरों के चक्कर लगा रही है। उन्होंने कहा कि बल्लभगढ़ की अनाज मंडी में एक अक्तूबर को आयोजित ‘किसान-मजदूर पंचायत’ में भी शारदा राठौर का कोई सहयोग नहीं रहा परंतु वह इस पंचायत का श्रेय लूटने में कोई कसर बाकि नहीं छोड़ी।
उन्होंने कहा कि पार्टी के ऐसे विभीषणों का काला चिटठा वह जल्द ही कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी व उपाध्यक्ष राहुल गांधी के समक्ष रखेंगी ताकि ऐसे लोगों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जा सके और वर्षाे से पार्टी की सेवा में समर्पित निष्पक्ष व कर्मठ कार्यकर्ताओं को आगे बढऩे का अवसर मुहैया करवाया जाए।