May 1, 2025

ब्रह्मोत्सव में सेवा करने से कटते हैं कर्म बंधन – स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य

Faridabad/Alive News: श्री सिद्धदाता आश्रम के पांच दिवसीय 18वें ब्रह्मोत्सव के दूसरे दिन सुदर्शन यज्ञ का आयोजन हुआ जिसमें अधिष्ठाता श्रीमद जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य महाराज ने समिधाएं डाल लोककल्याण के लिए प्रार्थना की। उनके साथ वृन्दावन से आए खटलाधिपति स्वामी रामेश्वराचार्य भी सम्मिलित हुए।

स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य ने बताया कि सुदर्शन यज्ञ द्वारा लोककल्याण की प्रार्थना की जाती है। ऐसा माना जाता है कि जहां ब्रह्मोत्सव का आयोजन होता है वहां दूर दूर तक धन धान्य की प्रधानता हो जाती है और लोकजीवन खुशहाल रहता है। इस नजरिए से ब्रह्मोत्सव का आयोजन न केवल श्री सिद्धदाता आश्रम को मानने वालों, यहां आने वालों बल्कि आस पास क्षेत्र में रहने वालों के लिए भी कल्याणकारी है। उन्होंने कहा कि ब्रह्मोत्सव में सेवा करने वाले भक्तों को कर्म बंधन से मुक्ति मिलना निश्चित है। इसलिए ब्रह्मोत्सव में शामिल होकर सेवा करने, भागीदारी करने और उसके साक्षी बनने का अवसर अवश्य ही प्राप्त करना चाहिए।

दक्षिण भारत के संत रामानुजाचार्य स्वामी के नाम से प्रसिद्ध श्री संप्रदाय के प्रमुख क्षेत्र श्री सिद्धदाता आश्रम एवं श्री लक्ष्मीनारायण दिव्यधाम में हर वर्ष होने वाले ब्रह्मोत्सव हजारों की संख्या में देश विदेश से भक्त जुटते हैं। वहीं दक्षिण शैली में होने वाले पूजन को निहारना भी एक अनोखा अनुभव होता है।

श्री धाम वृंदावन से पधारे खटलाधिपति स्वामी रामेश्वराचार्य ने बताया कि यहां पांच दिनों तक चलने वाले ब्रह्मोत्सव का अंग होने में लोगों को हर प्रकार का लाभ होना निश्चित है। भगवान के पूजन में शामिल होने वालों को आदि दैविक, आदि दैहिक एवं आदि भौतिक परेशानियां नहीं सताती हैं। यहां कल 2 मई को भगवान श्री लक्ष्मी नारायण जी का विवाह उत्सव आयोजित होगा जिसमें बड़ी संख्या में भक्तगण भगवान के बाराती बनेंगे।