May 19, 2024

आत्मज्ञान ही आत्मोद्धार का एकमात्र सर्वोत्तम साधन

Faridabad/Alive News : जैसा कि सबको ज्ञात ही है कि प्रमुख पर्यटक स्थल ध्यान-कक्ष को देखने व यहां से प्रदान की जा रही आध्यात्मिक शिक्षा को ग्रहण करने आजकल दूर-दराज से सैकड़ों सजन आ रहे हैं। इसी संदर्भ में रविवार को भी यहां पर बरेली, दिल्ली, जालन्धर व मुरादाबाद के काफी सजनों की भीड़ थी। सोमवार व मंगलवार को भी इस समभाव-समदृष्टि स्कूल को देखने आसपास के ग्रामीण इलाकों के सजन आए हुए थे। उपस्थित सजनों को समझाया गया कि
आत्मज्ञान ही आत्मोद्धार का एकमात्र सर्वोत्तम साधन है। यहाँ आत्मज्ञान से तात्पर्य अपने को पूर्ण रूप से जानने से है।

फिर उन्हें समझाया गया कि यह आत्मज्ञान सामान्य ज्ञान से सर्वथा भिन्न होता है। यह बुद्धि की प्रखरता का नहीं अपितु माया के स्पर्श से दूर आत्मा की निष्कलुषता यानि पावनता का प्रतिबिम्ब होता है। आशय यह है कि यह आत्मा की पुकार है। जिसको सुनकर व्यक्ति सन्मार्ग पर चलने के लिए स्वत: प्रेरित होता है। इस अंतर्ज्ञान को अन्तर्दृष्टि या ज्ञानचक्षु भी कहते हैं। इसके खुलने पर जीव न केवल हृदय वेद विदित ज्ञान व अपने अंतर्मन की बात जान सकता है अपितु दूसरे के मन की, यहाँ तक कि भूत, वर्तमान और भविष्य तीनों कालों की बात भी जान सकता है। इस प्रकार जो इस आत्मज्ञान द्वारा एक सर्वव्याप्त आत्मा को जान लेता है वह सबको जान लेता है यानि जिसने
स्वयं को पहचान लिया वह ब्रह्म (ईश्वर) को पहचान लेता है और उसके हृदय में परम श्रेष्ठ सजन-भाव उजागर हो जाता है।

समदृष्टि के स्कूल से आत्मज्ञान प्राप्ति की युक्ति समझ कर आत्मोद्धार करो और सदाचार के मार्ग पर प्रशस्त हो जाओ। अधिक जानकारी के लिए आप ध्यान-कक्ष की वेबसाइट www.dhyankaksh.org या फिर दूरभाष न० 8595070695 पर सम्पर्क कर सकते हैं व हमसे जुड़े रहने के लिए ध्यान कक्ष का टेलीग्राम चैनल ज्वाइन कर सकते है।