November 17, 2024

ट्यूशन फीस वृद्धि का विरोध करने पर स्कूल ने छात्रों की रोकी ऑनलाइन क्लास

Faridabad/Alive News : मॉडर्न डीपीएस के पेरेंट्स ने आरोप लगाया है कि स्कूल ने बीते वर्ष के मुकाबले इस बार ट्यूशन फीस में लगभग 40 प्रतिशत की वृद्धि कर दी है। जिसका पेरेंट्स विरोध कर रहे हैं। अभिभावक सचिन शर्मा, राखी मोदी, भरत गर्ग, अरुण संगर, कमल गुप्ता, गौरव सिंह, अंशुल चौहान, भारत सागर, गौरव मेहतानी, हेमंत मलिक ने कहा है कि वे पिछले साल की तरह इस साल की भी मासिक ट्यूशन फीस 7 हजार 2 सौ रुपए देने को तैयार हैं।

लेकिन स्कूल प्रबंधक इस साल 9 हजार 5 सौ 50 रुपए मांग रहा है। अभिभावकों ने इसका लिखित विरोध स्कूल प्रिंसिपल से किया है। अभिभावकों का स्कूल प्रबंधक पर आरोप है कि प्रबंधक रोजाना अपने अध्यापकों से मैसेज भिजवा कर व फोन कॉल के माध्यम से उन पर बढ़ी हुई फीस ही जमा कराने का दबाव बना रहा है। जो बिल्कुल उचित नहीं है। कई अभिभावकों ने शिकायत की है कि सोमवार से मॉडर्न डीपीएस स्कूल ने उनके बच्चों की ऑनलाइन क्लासिस भी बंद कर दी है।

इस पर सचिन शर्मा ने कहा है कि उच्चतम न्यायालय के फैसले में और एनसीपी आरसी की गाइड लाइन में साफ-साफ लिखा है कि फीस को लेकर बच्चों की ऑनलाइन क्लास बंद करना, एग्जाम में न बैठने देना, स्कूल से नाम काटने की धमकी देना पूरी तरह से हरासमेंट की श्रेणी में आता है। ऐसा करने पर स्कूल प्रबंधक के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने का प्रावधान है। इसी को लेकर उन्होंने चेयरमैन एनसीपीआरसी नई दिल्ली के पास लिखित शिकायत दर्ज कराई है। मंगलवार को सभी पीड़ित अभिभावक जिला शिक्षा अधिकारी से मिलने पहुंचे। लेकिन उनके वहां मौजूद ना होने पर अभिभावक डिप्टी डीईओ आनंद सिंह से मिले और वहां स्कूल द्वारा बच्चों को हरासमेंट करने की लिखित शिकायत दर्ज कराई है।

अभिभावकों ने डिप्टी डीईओ को बताया कि इस स्कूल ने पिछले 4 साल में 48 प्रतिशत ट्यूशन फीस में वृद्धि की है। पेरेंट्स ने डिप्टी डीईओ को बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय ने आरटीआई की जानकारी में यह लिख कर दिया है कि इस स्कूल ने फार्म- 6 के साथ बैलेंस जमा नहीं कराई है। नियमानुसार बिना बैलेंस शीट के फार्म- 6 जमा कराना अधूरा माना जाता है। ऐसे में स्कूल फीस बढ़ाने के हकदार नहीं हैं। फिर भी इस स्कूल ने फीस वृद्धि की है जो पूरी तरह से गैर कानूनी है। डिप्टी डीईओ ने पेरेंट्स को उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।

जिला शिक्षा अधिकारी को शिकायत देने के बाद अभिभावक चेयरमैन फीस एंड फंडस रेगुलेटरी कमेटी एफएफआरसी कम मंडल कमिश्नर से मिलने गए। उनके न मिलने पर अभिभावकों ने एफएफआरसी ऑफिस में लिखित शिकायत दर्ज कराई। अभिभावकों ने एफएफआरसी ऑफिस में दी अपनी शिकायत में लिखा है कि पिछले वर्ष इस स्कूल की मनमानी को लेकर सैकड़ों अभिभावकों ने जो लिखित शिकायत प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री को भेजी थी, उस पर संज्ञान लेते हुए चेयरमैन एफएफआरसी ने 9 सितंबर 2020 को इस स्कूल के प्रिंसिपल को नोटिस भेजकर स्कूल का 3 साल के आय-व्यय का विवरण, पेरेंट्स से वसूली गई हर प्रकार की फीस व किए गए खर्चों की रसीद, बैलेंस शीट के साथ जमा कराए गए फार्म- 6 आदि का सारा रिकॉर्ड 5 दिन के अंदर जमा कराने को कहा था लेकिन स्कूल प्रबंधक ने आज तक एफएफआरसी कार्यालय में कोई भी रिकॉर्ड जमा नहीं कराया है।
अभिभावकों ने चेयरमैन एफएफआरसी से बच्चों की ऑनलाइन क्लास शीघ्र शुरू करवाने, फीस वृद्धि को वापस कराने व इस स्कूल के पिछले 5 साल के खातों की जांच व ऑडिट कराने की मांग की।