New Delhi/Alive News : लाखों रुपये खर्च कर अपने बेटे को इंजीनियर बनाने का सपना देख रहे गुलशन को यह नहीं पता था कि उनके सपने स्कूल की बड़ी लापरवाही के चलते चकनाचूर हो जाएंगे। बेटे को खोने के बाद गुलशन और उनका परिवार सदमे में है तो शुरुआती जांच में जीडी गोयनका स्कूल की बड़ी लापरवाही सामने आई है।
डीएम के आदेश पर मामले की जांच के लिए पहुंची एडीएम सिटी ने जब पूछताछ की तो पता चला कि घायल छात्र को स्कूल में फस्र्ट एड तक नहीं दिया गया। मेडिकल रूम में तैनात नर्स को घटना की जानकारी तक नहीं थी। मेडिकल रूम की जांच में वहां एक्सपायरी दवा मिली। डीएम के आदेश के बाद दोपहर करीब दो बजे एडीएम सिटी प्रीति जायसवाल एसएचओ इंदिरापुरम सुशील कुमार दुबे के साथ जांच के लिए शक्तिखंड-3 स्थित पहुंची। यहां उन्होंने स्कूल में घटना के दौरान मौजूद टीचर्स, सिक्योरिटी गार्ड, सफाई कर्मी सभी से पूछताछ की। स्कूल के मेडिकल रूम पहुंची तो रजिस्टर में अरमान की एंट्री नहीं मिली।
स्कूल प्रबंधन पर लगाया सबूत मिटाने का आरोप
अरमान के पिता गुलशन सहगल ने बेटे की मौत का जिम्मेदार स्कूल प्रबंधन को ठहराया है। उन्होंने स्कूल पर सच्चाई छुपाने, सीसीटीवी हटाने और सबूत मिटाने का आरोप लगाया है। उनका यह भी कहना है कि उनके बेटे के कपड़े गीले थे, ऐसे में उसके मुंह और नाक के खून साफ किए गए थे। साथ ही प्रधानाचार्य और स्कूल प्रबंधन से नहीं मिलने दिया गया। पुलिस को भी स्कूल की तरफ से सूचना नहीं दी गई। उन्होंने खुद पुलिस को इसकी सूचना दी।
स्कूल पहुंचे अभिभावकों को रोका, हंगामा
स्कूल में बच्चे की मौत की सूचना से हडक़ंप मच गया। थोड़ी ही देर में स्कूल के गेट पर पैरेंट्स की भीड़ जमा हो गई। जानकारी लेने गए पैरेंट्स ने स्कूल के अंदर जाने का प्रयास किया, मगर सुरक्षाकर्मियों ने रोक दिया। अभिभावकों और सुरक्षाकर्मियों में नोकझोंक हुई। इसके बाद शांति गोपाल अस्पताल पर भी लोगों की भीड़ जमा हो गई। स्कूल प्रबंधन पर लापरवाही और मामले को दबाने का प्रयास का आरोप लगाते हुए हंगामा किया।
बच्चे को पीटीआई और लैब अस्टिंट ले गए थे अस्पताल
स्कूल के पीटीआई अख्तर खान और लैब असिस्टेंट मनीरतन त्रिपाठी ने बताया कि वह दोनों सुबह कारिडोर में यूनिट टेस्ट के दौरान ड्यूटी दे रहे थे। छात्र अरमान सहगल करीब 10 मिनट लेट पहुंचा था। वह सेकेंड फ्लोर स्थित अपने क्लास रूम की ओर चला गया। क्लास में उसे पता चला कि यूनिट टेस्ट फस्र्ट फ्लोर पर है। पीटीआई अख्तर ने बताया कि वह फस्र्ट फ्लोर की ओर जाने लगा तो क्लास फोर्थ डी के सामने वह गिर गया। इस पर क्लास में मौजूद टीचर बहुत तेज चिल्लाई तो वह मौके पर पहुंचे। लैब असिस्टेंट मनीरतन त्रिपाठी गोद में लेकर मेडिकल रूम पहुंचे। यहां से गाड़ी में उसे अस्पताल ले जाया गया। जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
घटनास्थल के पास नहीं सीसीटीवी
जहां पर घटना हुई है स्कूल के उस ब्लॉक में सीसीटीवी नहीं लगा है। घटना कैसे हुई इसकी स्पष्ट जानकारी पुलिस को नहीं मिल सकी। घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने अन्य ब्लॉक के सीसीटीवी की डीवीआर और हार्डडिस्क कब्जे में ले ली है। पुलिस का कहना है कि स्कूल में कैमरे बहुत है। एक-एक कर फुटेज खंगाले जा रहे हैं।
ऊपरी मंजिल पर छोटी कक्षाएं बनी खतरा
एडीएम सिटी के अनुसार स्कूल प्रबंधन ने पांचवी क्लास को फस्र्ट फ्लोर और चौथी क्लास का सेकेंड फ्लोर पर बिठाया है। जो मानकों के अनुसार गलत है। छोटी कक्षाएं निचले फ्लोर पर होनी चाहिए। स्कूल की फर्श पर फिसलने वाले टाइल्स लगे हैं। इन पर कभी भी हादसे का खतरा हो सकता है। इसी टाइल्स पर पैर फिसलने से अरमान की मौत की बात भी सामने आ रही है।
मुंह पर लगी है चोट
स्कूल प्रबंधन के अनुसार अरमान के मुंह पर चोट लगी थी। शरीर पर कहीं और चोटों के निशान नहीं थे। खून भी नहीं बह रहा था। गिरने के बाद अरमान थोड़ी देर में ही बेहोश हो गया। इसी के चलते उसे अस्पताल लेकर जाना पड़ा।
छात्र का यूनिट टेस्ट था, वह बैग से पेंसिल निकालकर कक्षा में जा रहा था, इसी दौरान पैर फिसलने से गिर कर घायल हो गया। यह महज एक हादसा है। पुलिस और परिजनों का जांच में पूरा सहयोग किया जाएगा। – डॉ. कविता शर्मा, प्रधानाचार्या, जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल, इंदिरापुरम