November 17, 2024

हरियाणा से जारी अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र धारक को पंजाब में मिलेगा आरक्षण

Chandigarh/Alive News: पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए यह स्पष्ट कर दिया है कि हरियाणा से जारी अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र धारण करने वाले आवेदक को पंजाब में आरक्षण के लाभ से वंचित नहीं रखा जा सकता है। हरियाणा के निवासी पंजाब में प्रवासी नहीं माने जा सकते क्योंकि विभाजन से पहले दोनों एक राज्य थे।

अदालत ने कहा कि जो लोग संयुक्त पंजाब में थे और जो हरियाणा के अलग राज्य में पुनर्गठन के बाद हरियाणा में रहे उन्हें अनुसूचित जाति के दर्जे से इनकार नहीं किया जा सकता। हाईकोर्ट ने कहा कि गौर करने लायक बात यह भी है कि जिस जाति से जाती है वह हरियाणा व पंजाब दोनों में ही अनुसूचित जाति की श्रेणी में रखी गई है।

कलर पद पर पंजाब में आवेदन करते हुए याचिकाकर्ता शिरीष ने आरक्षण श्रेणी में आरक्षण की मांग की थी। पंजाब सरकार ने यह कहते हुए आरक्षण का लाभ देने से इनकार कर दिया क्योंकि उसका अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र हरियाणा सरकार द्वारा जारी किया गया था। याची ने बताया कि उसके पिता पंजाब सरकार में कार्यरत थे और वहीं से सेना भर्ती हुए थे। हालांकि वह हरियाणा में बसे हुए थे। कोर्ट ने कहा कि हरियाणा का गठन 1 नवंबर 1966 को हुआ था।

उससे पहले याची के पिता ने अनुसूचित श्रेणी में ही पंजाब में रोजगार प्राप्त किया था। हाईकोर्ट ने कहा कि याची के प्रति प्रवासन की अवधारणा को इस मामले पर लागू नहीं किया जा सकता क्योंकि बाल्मीकि समाज के लोगों को दोनों राज्यों में अनुसूचित जाति के रूप में अधिसूचित किया गया था ऐसे में याची को इस लाभ से वंचित नहीं रखा जा सकता।