November 17, 2024

सतयुग दर्शन ट्रस्ट में मानवता फेस्ट का शानदार शुभारंभ

Faridabad/Alive News : सतयुग दर्शन ट्रस्ट, वर्तमान समय में पथभ्रष्ट हो रही युवा पीढ़ी के बहकते कदमों को, सही दिशा निर्देशन देने के लिए, मानवता विकास क्लब के माध्यम से 12 अगस्त से दिनांक 15 अगस्त 2017 तक विशाल मानवता फेस्ट का आयोजन कर रहा है। नि:संदेह सजनों आमतौर पर फेस्ट तो आपने बहुत देखें होंगे पर मानवता के उत्थान हेतु आयोजित यह फेस्ट अपने आप में अनूठा है क्योंकि इसके अंतर्गत जीव, जगत व ब्राहृ समबन्धी आत्मिक ज्ञान, ध्यान, मौज-मस्ती व खेल-कूद, आध्यात्मिक प्रश्नोत्तरी आदि का अद्भुत संगम देखने का अवसर मिलेगा।

कायक्रर्म के आरम्भ में ट्रस्ट के मार्गदर्शन सजन ने भी अपने व्यक्तव्य के दौरान स्पष्ट किया कि मानवता ही समस्त सद्गुणों का बीज है जो सदा ह्मदय में विद्यमान रहता है और शब्द ब्राहृ विचारों से सींचने पर मानवीय चरित्र के रूप में फलता-फूलता है। युक्तिसंगत की गई इस सिंचाई से ह्मदय की समुच्चय व्यवस्था का वातावरण विशुद्ध बना रहता है फलत: मानव की वृतिा, स्मृति, बुद्धि व भाव-स्वभावों का ताना-बाना निर्मल बना रहता है व मानव उच्च बुद्धि, उच्च ख़्याल कहलाता है।

सजन उपस्थित नौजवानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि अपना जीवन सुखद बनाने यानि अपने जीवन के असली लक्ष्य को इसी जीवन में सिद्ध कर पाने के लिए एवं अपने मानव स्वरूप को नित्य सुन्दरता व स्वस्थता में साधे रखने के लिए अपने मन को नित्य सत्य-धर्म के भक्ति-भाव की शक्ति से संकल्प रहित रखना सुनिश्चित करो। इसके साथ अपने जीवन के कत्र्तव्य धर्मसंगत निभा पाने हेतु एवं शरीर के अंग-प्रत्यंग का सक्षमता से उचित प्रयोग कर पाने के लिए समभाव नजऱों में कर समदृष्टि हो जाओ। कहने का तात्पर्य यह है कि अपने अंत:करण की स्वच्छता का रख-रखाव, विधि के विधान अनुसार रखने में, पारंगत बनो व इस तरह इंसानियत में बने रह, निष्काम भाव से पुण्य कर्म करते हुए, अपने मानव होने की उत्कृष्टता सिद्ध करो।

निश्चित ही ऐसा करने से सबका व्यक्तिगत, पारिवारिक व सामाजिक जीवन सुखमय हो जायेगा। नि:संदेह ऐसा होने पर ही सजनों, एक अनूठे सच्चरित्र मानव के रूप में, इस ब्राहृांड में आपकी कदर होगी और चहु ओर आपका यशगान होगा। नि:संदेह प्रत्येक मानव को इसी मुकाम तक पहुँचाने हेतु ही यह मानवता विकास 1लब खोला गया है और इसका कार्यभार युवा पीढ़ी को सौंपा गया है। अत: अपने इस महान उतरदायित्व की पूर्ति हेतु सहर्ष आगे बढ़ो व हिममत दिखाओ, हिममत दिखाओ, हिममत दिखाओ और मानवीयता में ढ़ल कर, अ1लमंद नाम कहाओ।