November 24, 2024

Sambhal News : मस्जिद पर दोबारा सर्वे को लेकर हुआ विवाद, तीन की मौत

स्जिद पर दोबारा सर्वे को लेकर हुए विवाद ने हिंसक रूप धारण कर लिया। सर्वे के दौरान पुलिस पर पत्थराव,आगजनी और गोलीबारी की गई

Sambhal/Alive News : उत्तरप्रदेश के संभल में मस्जिद पर दोबारा सर्वे को लेकर हुए विवाद ने हिंसक रूप धारण कर लिया। सर्वे के दौरान पुलिस पर पत्थराव,आगजनी और गोलीबारी की गई। ऐसे में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया। इस घटना में करीब बीस से अधिक पुलिस कर्मी और दो दर्जन लोग घायल हो गए।

संभल बवाल के बीच बीस से अधिक पुलिसकर्मीजख्मी हुए हैं। इसमें से एक की हालत बेहद नाजुक बनी हुई है। पुलिसकर्मी का उपचार हायर सेंटर में चल रहा है। हिंसा में तीन युवकों की माैत हो गई है। भीड़ ने चंदौसी के सीओ की गाड़ी समेत कई वाहनों में तोड़फोड़ कर दी और आग लगा दी। पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े, लेकिन भीड़ काबू में नहीं आई। हालात बेकाबू होते देख पुलिस ने लाठीचार्ज और फायरिंग की तो भगदड़ मच गई।

संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा में तीन युवकों की मौत हो गई। कमिश्नर ऑन्जनेय सिंह ने इसकी पुष्टि की है। हिंसा में सीओ अनुज चौधरी और एसपी के पीआरओ को भी गोली लगी है। मृतकों के परिजनों का दावा है कि पुलिस की गोली से मौत हुई है। हालांकि कमिश्नर ने कहा कि पुलिस फायरिंग में कोई मौत नहीं है। कमिश्नर ने कहा कि हमलावर प्लांड तरीके से सर्वे टीम को टारगेट करना चाहते थे। 12-14 साल के बच्चों और महिलाओं को आगे किया गया। ऑन्जनेय सिंह ने संभल हिंसा में तीन युवकों की मौत की पुष्टि करते हुए बताया कि मरने वालों में सरायतरीन निवासी नोमान, हयातनगर का बिलाल और कोट गर्वी का नईम शामिल है। कमिश्नर संभल में ही कैंप किए हुए हैं। हिंसा के बाद मुरादाबाद से अतिरिक्त पीएसी को संभल रवाना किया गया है।

संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुए बवाल में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए कई आरोपियों को हिरासत में ले लिया है। इनमें तीन महिलाएं भी शामिल हैं। हिंसा के दौरान उपद्रवियों ने तीन कारों और आठ बाइकों को आग के हवाले कर दिया। पुलिस पर जमकर पथराव और फायरिंग की गई, जिसमें 20 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो गए। नखासा तिराहा और हिंदूपुरा खेड़ा क्षेत्र में स्थिति बेकाबू हो गई थी।

संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा पर प्रतिक्रिया देते हुए आचार्य प्रमोद कृष्णम ने समाजवादी पार्टी पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि उपचुनाव में हार के बाद समाजवादी पार्टी के नेता बौखला गए हैं। संभल की हिंसा के पीछे उनका ही हाथ है। आचार्य प्रमोद ने उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस से मांग की कि हिंसा भड़काने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा जो लोग यहां हिंसा फैलाने की कोशिश कर रहे हैं उनके खिलाफ योगी आदित्यनाथ सरकार को कड़ा कदम उठाना चाहिए। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर रविवार को हुई हिंसा में तीन युवकों की मौत हो चुकी है। पुलिसकर्मियों सहित दर्जनों लोग घायल हुए हैं।

संभल में हुई हिंसा और आगजनी के बाद मुरादाबाद पुलिस अलर्ट मोड में है। सीओ और थानाध्यक्ष अपने क्षेत्र में पैदल मार्च कर रहे हैं। ड्रोन कैमरा से निगरानी हो रही है। एसएसपी ने सोशल मीडिया विंग को भी सक्रिय कर दिया है। क्षेत्राधिकारी कोतवाली ने थाना प्रभारी मुगलपुरा मय पुलिस बल के साथ अपराध नियन्त्रण, कानून एवं शान्ति, सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टिगत पुलिस फोर्स को ब्रीफ किया है। इसके साथ ही मुगलपुरा क्षेत्र में फ्लैग मार्च किया। इसी तरह क्षेत्राधिकारी कटघर ने भी थाना प्रभारी गलशहीद मय पुलिस फोर्स को ब्रीफ किया गया है और गलशहीद क्षेत्र में फ्लैग मार्च किया है। क्षेत्राधिकारी सिविल लाइंस ने भी अगवानपुर चौकी क्षेत्र के साथ ही थाना सिविल थाना इलाके में फ्लैग मार्च किया है। जिलाधिकारी अनुज सिंह और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सतपाल अंतिल ने भी कई क्षेत्रों में पहुंचकर पैदल मार्च किया।

हिंसक घटना में अब तक तीन युवकों की मौत की खबर है, हालांकि अधिकारियों ने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। मृतकों की पहचान रोमान, बिलाल और नईम के तौर पर की गई है। इसके अलावा बीस से अधिक पुलिसकर्मी और दो दर्जन से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। पुलिस प्रशासन ने स्थिति को संभालने के लिए अतिरिक्त बल तैनात कर दिया है और इलाके में कड़ी निगरानी रखी जा रही है।

जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसक घटना पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यूपी सरकार और बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि यह गंभीर घटना है। मस्जिद का सर्वे पहले ही हो चुका था लेकिन जानबूझकर सुबह फिर से सर्वे टीम को भेजा गया। ताकि माहौल खराब हो सके और चुनावी मुद्दों पर चर्चा न हो पाए। सूचना है कि कई लोग घायल हो गए हैं और एक युवक की जान चली गई है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब मस्जिद का सर्वे पहले ही किया जा चुका था तो सरकार को फिर से इसकी क्या जरूरत पड़ी। वह भी बिना किसी तैयारी। अखिलेश ने इस घटना को बीजेपी सरकार और प्रशासन की साजिश करार दिया। कहा कि जो कुछ भी हुआ वह प्रशासन की तरफ से जानबूझकर किया गया ताकि चुनावों में हो रही धांधली और व्यापारी मामलों पर कोई चर्चा न हो सके। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि उसने जानबूझकर हिंसा को बढ़ावा दिया ताकि राजनीतिक मुद्दों पर किसी प्रकार की बात न हो सके।