November 19, 2024

कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि देने पर AMU में घमासान, लगाए गए ‘नफरत’ वाले पोस्टर्स

Aligarh/Alive News : उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि देने पर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में नया घमासान शुरू हो गया है। AMU के वाइस चांसलर के खिलाफ कैंपस में पोस्टर लगे हैं और कल्याण सिंह के निधन पर शोक जताने को लेकर वाइस चांसलर की निंदा की गई है। AMU के वाइस चांसलर तारिक मंसूर ने कल्याण सिंह के निधन के बाद प्रेस रिलीज जारी करके श्रद्धांजलि दी थी, जिसके बाद यूनिवर्सिटी कैंपस में ‘नफरत’ वाले पोस्टर लगाए गए हैं। पोस्टर लगाने वालों ने खुद को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का छात्र बताया है और कल्याण सिंह को बाबरी विध्वंस का दोषी बताया है। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी कैंपस में ये पोस्टर जगह-जगह लगाए गए हैं।

पोस्टर में क्या लिखा है
कैंपस में चिपकाए गए पोस्टर्स में लिखा है कि पूर्व सीएम कल्याण सिंह के निधन के बाद वाइल चांसलर की श्रद्धांजलि ना सिर्फ शर्मनाक है बल्कि ये हमारी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा रही है क्योंकि ये AMU की मान्यताओं, संस्कृति और परंपरा के खिलाफ है। कल्याण सिंह न सिर्फ बाबरी मस्जिद विध्वंस के दोषी हैं बल्कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवज्ञा के भी दोषी हैं।

पोस्टर्स में आग कहा गया है कि वाइस चांसलर की श्रद्धांजलि ने पूरे AMU की परंपरा और अलीगढ़ आंदोलन को बदनाम किया है जो न्याय और पारदर्शिता में भरोसा रखता है। हम वाइस चांसलर के शर्मनाक कृत्य की कड़ी निंदा करते हैं क्योंकि वो एक ऐसी पार्टी के नेता का समर्थन कर रहे हैं जो फासिज्म में भरोसा करती है। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्र और इतिहास कभी उन्हें माफ नहीं करेगा।

कैंपस में लगाए गए पोस्टर्स में यूनिवर्सिटी एडमिश्निट्रेशन द्वारा इस तरह शोक संवेदना व्यक्त करना भावनाओं को आहत करने वाला है क्योंकि पूर्व में जो हुआ है वह किसी से छुपा हुआ नहीं है। यह ALIG बिरादरी की भावनाओं पर चोट करने जैसा है। कैंपस में लगाए गए पोस्टर्स हिंदी, इंग्लिश और उर्दू भाषा में हैं। इनकी तस्वीरें सोशल मीडिया भी शेयर की जा रही हैं।

पोस्टर्स पर क्या कहती है यूनिवर्सिटी
यूनिवर्सिटी के प्रॉक्टर प्रोफेसर वसीम अली का कहना है कि यूनिवर्सिटी कैंपस में इस समय छात्र नहीं हैं। कैंपस खाली है। कुछ शरारती तत्वों द्वारा इस तरह के पोस्टर्स दो-तीन जगह चिपकाए गए थे, जिसके बारे में जानकारी मिलते ही इन्हें हटा दिया गया है। कुलपति की तरफ से इस मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं।