Faridabad/Alive News : रामनवमी के दिन तरुण आश्रम, भीकमपुरा में तरुण भारत संघ द्वारा संचालित विरासत स्वराज यात्रा के सात दलों के प्रतिनिधि मिले और अपनी-अपनी यात्रा की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की। यह यात्रा अभी तक तमिलनाडू, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश, राजस्थान, दिल्ली क्षेत्र में चली है। आप जानते है कि, इस यात्रा का शुभारंभ गांधी जी के वस्त्र परिवर्तन स्थल और दिवस 22 सितम्बर 2021 को मदुरई से हुआ था। इसके बाद विभिन्न यात्री तरुण भारत संघ पहुंचे थे।
वहीं 2 अक्टूबर 2021 को तरूण भारत संघ ने अपनी यात्रा सात दलों में शुरु की थी। जलपुरुष राजेन्द्र सिंह ने अपनी यात्रा का शुभारंभ बासबाढ़ा से किया। इसके बाद गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान होते हुए दिल्ली आयी। दिल्ली के बाद यात्रा तरुण भारत संघ पहुँची थी। तरुण भारत संघ में इस यात्रा की अभी तक हुए कार्यक्रमों और भावी कार्यक्रमों पर चर्चा की।
बागधारा जयेश जोशी के नेतृत्व में चल रही यात्रा की रिर्पोट देने हेतु जीत जोशी, अलवर से सुरेश रैकवार और छोटेलाला मीणा, करौली-सवाईमाधोपुर-धौलपुर से चमन सिंह और रनवीर सिंह और उनके साथी गण आए।
इन सभी दलों द्वारा दी गई जानकारी यह यात्रा राजस्थान के चार जिले,मध्यप्रदेश के दो जिले और तीन जिले गुजरात के इस प्रकार 9 जिलों में राजेन्द्र सिंह के नेतृत्व में शुरू हुई इस यात्रा ने 18 अक्टूबर को भानगढ़ में पहला चरण पूर्ण किया।
छोटेलाल मीणा ने कहा कि यह यात्रा तरूण भारत संघ के कार्य क्षेत्रों में आयोजित की हुई है। यहां जो जल, जंगल, जमीन की विरासत है, उस विरासत को सहेजने के लिए और बाघों को बचाने के विषय में ज्यादा बातचीत हुई। छोटेलाला मीणा ने कहा कि शिक्षा हमारी सबसे बड़ी विरासत है। जल ही जीवन है, यही हमारी जीविका बनाती है। इसी से हमारा जमीर बनता है।
सुरेश रैकवार ने कहा कि हम तरुण भारत संघ के आस-पास के विद्यालयों और गांवों में विरासत के प्रति चेतना जगाने और दिशा देने हेतु पचास से ज्यादा गाँवों में गए और तुलसी वितरण भी बहुत जोरों से किया। क्योंकि तुलसी हमारी औषधियों गुणों से परिपूर्ण विरासत है। सरिस्का के चारें तरफ बाघ विरासत बचाने की चेतना जगाई है। इस यात्रा में विद्यालयों, महाविद्यालयों के शिक्षक विद्यार्थियों सभी जारों इस मुहिम से जुडे हुए है।
चमन सिंह ने कहा कि हमारे जंगल की मिट्टी, जल, जंगल जमीन इस सभी को हम अपना जीवन, जीविका, जमीर मानते है। यही हमारी सबसे बड़ी विरासत है। यह विरासत बचेगी तो लोगों को रोजगार मिलेगा। हम सभी इसको बचाने की चेतना में जुटे है और इस चेतना में बहुत उत्साह है। हमारे आस-पास के सैंकड़ों नए जल संरचनाओं का निर्माण करने और तुलसी रोपण में लोगों ने बहुत उत्साह दिखाया है। आज हम तुलसी के पौधें बड़ी मात्रा में तरूण भारत संघ भीकमपुरा से लेकर जायेंगे, क्योंकि हम चाहते है कि, हमारे चंबल क्षेत्र में बहुत तुलसी रोपण हो। आगे कहा कि, इस यात्रा के दौरान हम सैंकड़ों गांवों में गए है। सभी ने इस यात्रा का आदर के साथ स्वागत किया। रणथम्बोर हमारी यात्रा का क्षेत्र रहा है। करौली बफर क्षेत्र में इससे बहुत शिक्षक-विद्यार्थी जुड़े।
रनवीर ने कहा कि, हमनें अपने इलाकों के छात्र-छात्राओं, किसानों, मजदूरों सभी के साथ बैठक करके इस यात्रा के उद्देश्य बताए। इससे नए काम खोजने के बहुत तेजी से चेतना बड़ी है। इस यात्रा के दौरान हमनें नए कार्यकर्ताओं की क्षमता वर्धन का कार्य भी कर पाए। यह विरासत स्वराज हमारे लिए बहुत सार्थक रही है। हमारा इलाका जल संकट ग्रस्त है, इसलिए इस यात्रा में हमनें जीवन को जल, जीविका और जमीर को अपनी विरासत माना है।