December 24, 2024

रामदेव का पलटवार, कांग्रेस राजनीतिक दलों को ठहराए जिम्मेदार

देहरादून : उत्तराखंड में जारी राजनीतिक संकट के बीच सत्ताधारी कांग्रेस ने बाबा रामदेव पर भाजपा नेतृत्व के साथ मिलकर राज्य सरकार को गिराने का आरोप लगाया जबकि योग गुरू ने इसका खंडन करते हुए कहा कि राजनीतिक घटनाओं के लिये उनकी बजाय राजनीतिक दलों को जिम्मेदार ठहराया जाया जाना चाहिये।

उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कल यह आरोप लगाकर कहकर सियासी हलकों में हलचल पैदा कर दी कि योग गुरू और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने एक साथ मिलकर राज्य सरकार को गिराने की साजिश रची और कांग्रेस विधायकों द्वारा हरीश रावत सरकार के खिलाफ बगावत इसी का नतीजा है।

अपने आरोप के समर्थन में पुख्ता सबूत होने का दावा करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘रामदेव कांग्रेस के बागी विधायकों के संपर्क में थे और सत्ताधारीकांग्रेस पार्टी के खिलाफ साजिश रचने में भाजपा अध्यक्ष के अलावा वह भी एक अहम व्यक्ति थे। राज्य सरकार के खिलाफ बगावत करवाने और उसे गिराने का प्रयास करने में बाबा रामदेव ने एक भाजपा एजेंट के तौर पर काम किया।’ उन्होंने यह भी दावा किया कि राज्य विधानसभा में 18 मार्च को सामने आयी इस बगावत से पहले से ही बाबा रामदेव बागी विधायकों के संपर्क में थे।

हांलांकि, इस संबंध में कुछ समाचार पत्रों में छपी खबरों के आधार पर रामदवे ने कहा कि राज्य में जारी राजनीतिक संकट में उनका नाम बेवजह घसीटा जा रहा है जबकि उनका इससे कुछ लेना देना नहीं है ।

रामदेव ने हरिद्वार में संवाददाताओ द्वारा इस संबंध में प्रतिक्रिया पूछे जाने पर कहा, ‘मैने अखबारों में पढा है कि रामदेव और अमित शाह ने मिलकर राज्य सरकार को गिराने की साजिश रची। सपने में भी मैंने किसी कांग्रेस विधायक या पार्टी कार्यकर्ता से कोई बात नहीं की है। हम जो भी करते हैं, खुल कर करते हैं। हम पर्दे के पीछे छुपकर कुछ नहीं करते।

उन्होंने कहा, ‘इस मामले में हमारी कोई भूमिका नहीं है। राजनीतिक घटनाओं के लिये राजनीतिक दलों को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिये।’ रामदेव के इस बयान पर प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता मथुरादत्त जोशी ने कहा कि योग गुरू चाहे जो भी स्पष्टीकरण दें, वह उत्तराखंड में राजनीतिक संकट में अपनी भूमिका के आरोप से छूट नहीं सकते।

जोशी ने कहा, ‘योग गुरू का उत्तराखंड में करीब 2000 करोड रू का कारोबारी साम्राज्य है और उनके ट्रस्ट के खिलाफ कई मामलों में जांच चल रही है। उन्हें राज्य सरकार से कई बदले लेने हैं। रामदेव और शीर्ष भाजपा नेतृत्व की इस राजनीतिक संकट में भूमिका सीधी है।’ गौरतलब है कि विजय बहुगुणा कार्यकाल के समय में रामदेव के पतंजलि ट्रस्ट के खिलाफ जमींदारी उन्मूलन और भूमि सुधार अधिनियम तथा भारतीय स्टैंप एक्ट के तहत करीब 81 मामले दर्ज किये गये थे