Faridabad/Alive News : बीते मंगलवार को फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष और निसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा की अध्यक्षता में प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के पदाधिकारियों की एक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने प्राइवेट स्कूल से संबंधित कई समस्याओं को कुलभूषण शर्मा के सामने रखा। जिसके बाद कुलभूषण शर्मा ने जल्द उनकी सभी समस्याओं के समाधान का उन्हें आश्वासन दिया।
बात दें, कि जिले में पिछले दो साल से कभी महामारी के कारण तो कभी बढ़ते प्रदूषण के कारण स्कूल बंद है। हालांकि, बीच में एक बार महामारी के कम होने पर स्कूल खुले थे। लेकिन फिर जिले में प्रदूषण के कारण स्कूलों को बंद कर दिया गया। मंगलवार को फरीदाबाद के एक होटल में फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने प्रेसवार्ता कर पिछले कई महीनों से स्कूल बंद होने, अस्थायी मान्यता प्राप्त स्कूल का शिक्षा विभाग द्वारा समय से आगे मान्यता न बढ़ाना, इस साल आठवीं कक्षा के बोर्ड एग्जाम होना और पोर्टल के ना चलने के कारण बच्चों का बोर्ड में अनरोल ना होना जैसी कई समस्याओं को मीडिया के सामने रखा।
क्या कहना है स्कूल संचालकों का
पिछले कई महीनों से स्कूल बंद है। जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई पर काफी असर पड़ रहा है। साथ ही स्कूल संचालक भी अपनी आर्थिक तंगी से जूझ रहे है। आर्थिक तंगी होने के कारण कई स्कूल संचालक अपने स्टाफ को भी सैलरी समय पर नही दे पा रहे हैं। इसके अलावा स्कूल संचालकों को स्कूल पर चल रहे लोन का भुगतान करने के लिए अपनी संपत्ति तक बेचनी पड़ रही है।
–राजेश मदान, एजुकेटिव मेंबर-फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन।
स्कूल संचालकों की समस्या केवल स्कूल बंद होना ही नही है। बल्कि स्कूल संचालकों की सबसे बड़ी समस्या शिक्षा विभाग द्वारा अस्थायी मान्यता पर चल रहे स्कूलों को आगे एक्सटेंड कराना भी है, जिस से ऑनलाइन पोर्टल पर बच्चों को अनरोल किया जा सके। लेकिन शिक्षा विभाग का पोर्टल जब सुचारू रूप से कार्य ही नही कर रहा तो निजी स्कूल आगे अपनी मान्यता कैसे एक्सटेंड करें।
-प्रदीप कुमार, जरनल सेक्रेटरी-फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन।
इस साल से विद्यार्थियों को आठवीं के बोर्ड एग्जाम देने है। हालांकि, शिक्षा विभाग ने आठवीं कक्षा की सिलेबस में कटौती कर दी है। लेकिन कक्षाएं महामारी के कारण पिछले लंबे समय से ऑनलाइन ही लगाई जा रही है। ऑनलाइन कक्षाओं से बच्चों के आंखों पर काफी असर पड़ है। वहीं कई अभिभावकों की भी शिकायत है कि ऑनलाइन कक्षाएं बच्चों के भविष्य को प्रभावित कर रही है।
-तेजेंदर, उपाध्यक्ष-फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन।
निजी स्कूलों की अस्थायी मान्यताओं को बढ़ाने को लेकर शिक्षा विभाग कोई कार्यवाही नहीं कर रहा। ऐसे में इस साल से आठवीं कक्षा के बोर्ड एग्जाम भी सिर पर है। वहीं स्कूलों की मान्यता आगे ना बढ़ने के कारण बच्चों के बोर्ड एग्जाम के फॉर्म नही भरे गए है। ऐसे में बच्चे किस प्रकार परीक्षा देंगे। कहीं शिक्षा विभाग की लापरवाही का हर्जाना विद्यार्थियों को ना भुगतना पड़े।
-विमल कुमार, प्रधान-फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन।
निजी स्कूलों को सरकार बंद करने पर तुली हुई है। सरकार अधिकारियों से स्कूल को लेकर फैसले कर रही है। लकिन निजी स्कूलों की तरफ से उन बैठकों में किसी को नहीं बुलाया जाता और अधिकारियों के फैसले सरकार निजी स्कूलो पर थोप रही है। चाहे वो फैसले स्कूल बंद करने को लेकर हो या फिर अस्थायी स्कूल की मान्यता बढ़ने को लेकर हो। फरीदाबाद के निजी स्कूलों संचालकों ने जो अपनी समस्याएं रखी है उनको लेकर चैयरमेल, प्रदेश के शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगें।
-कुलभूषण शर्मा, प्रदेशाध्यक्ष-फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन।