Faridabad/Alive News: देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को सितंबर 2018 में आयुष्मान भारत नामक एक अभूतपूर्व योजना समर्पित की थी। उसी वर्ष हरियाणा ने भी इस योजना को अपना लिया था। इस योजना से गरीब मरीजों का भला भी हुआ है। अब हरियाणा सरकार ने चिरायु कार्ड भी बना दिए हैं जिसका लाभ और अधिक मरीजों को होगा।
इसके बाद भी बहुत ही दुःख की बात है कि सरकार ने बजट में पर्याप्त बढ़ोतरी नहीं की और पिछले 2-3 सालों से आयुष्मान भारत योजना के बिल समय पर पास नहीं किये जा रहे हैं। बिना किसी ठोस कारण के मनमानी कटौतियां की जा रही है। पूछने पर कई महीनो तक कोई जवाब भी नहीं मिलता। भारत सरकार ने नवंबर 2021 में विभिन्न पैकेज की कीमतों में बढ़ोतरी कर दी थी किन्तु हरियाणा सरकार ने अब तक भी इन्हे लागू नहीं किया है।
आयुष्मान भारत योजना के कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार भुगतान 15 दिन में हो जाना चाहिए अन्यथा उस पर अस्पताल को ब्याज दिया जाना चाहिए। लेकिन ब्याज तो दूर बिल का भुगतान कई महीनो तक नहीं होता। उपरोक्त कारणों की वजह से आयुष्मान अस्पतालों में काफी रोष व्यापत है। आईएमए ने कहा अस्पताल कब तक घाटे पर काम करते रहेंगे? यदि हरियाणा सरकार ने इस समस्या का निदान समय रहते नहीं किया तो निजी आयुष्मान अस्पतालों को मज़बूरी में ठोस कदम उठाना पड़ सकता है। जब सभी आयुष्मान अस्पतालों को अपनी सेवायें स्थगित करनी पड़ेंगी। हालांकि प्रगतिशील राज्य को वो दिन न देखना पड़े।
हरियाणा के डॉक्टरों का डेलिगेशन आईएमए हरियाणा के नेतृत्व में कई बार आयुष्मान से जुड़े हुए अधिकारियों से मिल चुके हैं और उनको अपनी समस्याओं के बारे में अवगत कराया है। मुख्यमंत्री और सरकार के कई नेताओं से भी बात हुई है। काफी समय बीत जाने के बाद भी कोई सकारात्मक कार्यवाही नहीं हुई। इसकी वजह से आयुष्मान मरीजों को अपनी सेवाएं देने में अस्पतालों का काफी नुकसान हो रहा है और मुश्किलें आ रही हैं।
अगर, सरकार निजी आयुष्मान अस्पतालों की समस्याओं का समाधान नहीं निकालती है तो निजी आयुष्मान अस्पतालों को मजबूर होकर पूरे हरियाणा में आयुष्मान मरीजों का इलाज स्थागित करना पड़ सकता है, और आयुष्मान मरीजों को काफी समस्या पैदा होगी। इसकी जिम्मेदार हरियाणा सरकार की होगी। आईएमए ने हरियाणा के मुख्यमंत्री व स्वास्थय मंत्री से अनुरोध किया है कि इस “मोदी की गारंटी” को हरियाणा में असफल न होने दें। निजी आयुष्मान अस्पताल सरकार के साथ हैं और आईएमए चाहती की उनके साथ सेवा के बदले अत्याचार न हो।
निजी आयुष्मान अस्पतालों की ये आ रही है समस्या
-पहले अप्रूवल देने के बाद भी भुगतान करते समय 50 से 90 प्रतिशत तक पैसा काट लिया जाता है.
-इस प्रक्रिया को बदल कर पारदर्शी किया जाना चाहिए। पहले पास किए हुए केसेस में बिना किसी ठोस कारण के कोई कटौती नहीं होनी चाहिए।
-आयुष्मान भारत स्कीम 2018 में हरियाणा में शुरू की गई थी। पिछले 6 साल से उनके रेट में कोई भी उचित बदलाव नहीं किया गया। बल्कि कुछ पैकेज रेट तो उल्टा कम कर दिए गए हैं। केंद्र सरकार ने 2.2 वर्जन नवंबर 2021 में रिलीज कर दिया था, जो कि काफी प्रदेशो की सरकारे लागू कर चुकी हैं, परंतु यह हरियाणा में अभी तक लागू नहीं हुआ।
-हरियाणा सरकार को नए पैकेज रेट तुरंत प्रभाव से लागू करने चाहिए।
-पेमेंट 3 से 6 महीने के बाद आ रही है जबकि इसका भुगतान मरीज की छुट्टी होने के 15 दिन के अंदर हो जाना चाहिए। इस देरी की वजह से हॉस्पिटलों को काफी आर्थिक समस्या आ रही है, नही कोई ब्याज दिया जा रहा है, जोकि MOU के हिसाब से मिलना चाहिए।
-अधिक डाक्टरों की भर्ती करके भुगतान 15 दिन के अंदर सुनिश्चित करना चाहिए। देरी से होने वाले भुगतान पर कानूनन ब्याज दिया जाना चाहिए। बिना कारण भुगतान रोका नहीं जाना चाहिए।
-जुलाई 2023 में ACS हेल्थ ने वादा किया था कि हरियाणा सरकार के कर्मचारियों के ईलाज की पात्रता के लिए अस्पतालों पर जबरदस्ती थोपी गयी आयुष्मान भारत की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया जायेगा. परन्तु इस पर अभी तक कोई भी कार्यवाही नहीं हुई है।
-सरकार को तुरंत प्रभाव से यह जबरदस्ती की अनिवार्यता हटा देनी चाहिए।
-इन सभी समस्याओं से तंग आकर सभी आयुष्मान अस्पतालों ने आईएमए प्रधान को किसी भी प्रकार का एक्शन लेने के लिए हस्ताक्षर करके दिए हैं।