Chandigarh/Alive News: पोपलर के दामों में रिकार्ड उछाल आ गया है। हालांकि उत्पादक किसान उत्साहित हैं, लेकिन इसका सीधा-सीधा असर प्लाईवुड के दामों पर पड़ रहा है। हाल ही में प्लाईवुड व्यापारियों ने प्लाई के दामों के दस प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की है। वहीं पोपलर के दाम इस समय 1400 से 1500 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गए हैं। माल कम होने की वजह से यह दाम बढ़े हुए हैं। पहले जहां लक्कड़ मंडी में रोजाना 500 से 600 ट्रालियां पहुंचती थी। अब यह घटकर 250 से 300 ट्रालियां तक पहुंच गई है।
पोपलर उत्पादक किसानों की इस समय बल्ले-बल्ले हो रही है, क्योंकि पोपलर के दाम आसमान छू रहे हैं। पहले जहां इसके रेट 500 से 600 रुपये तक रहते थे। अब यह दोगुने से भी अधिक बढ़ चुके हैं। माल की आवक कम है। आढ़ती इसकी वजह गेहूं कटाई का सीजन होने को बता रहे हैं। जिस वजह से पोपलर की कटाई करने वाले मजदूर अब गेहूं की कटाई में लगे हुए हैं। एक वजह यह भी है कि एक महीने से पोपलर के दाम रोजाना बढ़ रहे हैं। जिन किसानों के खेतों में पोपलर तैयार था। वह उसे कटवा चुके हैं। जिससे मंडी में माल कम आ रहा है।
पोपलर की नर्सरी की भी बढ़ी डिमांड
पोपलर के बढ़े दामों का असर इस बार नर्सरी पर भी पड़ा है। पोपलर की नौ व दस प्रजाति की खूब बिक्री हुई। किसानों का यह मानना है कि अब पोपलर के दाम इसी तरह से हाई रहेंगे। पोपलर की नौ व दस प्रजाति जल्दी तैयार हो जाती है। जिन किसानों ने पोपलर की खेती छोड़ दी थी। वह भी अब दाम बढ़ने के बाद दोबारा लगा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों से आता है माल
यमुनानगर में मंडौली में लक्कड़ मंडी है। जगाधरी में मानकपुर में लक्कड़ मंडी है। इन दोनों मंडियों में जिले के साथ-साथ उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड व पंजाब से भी पोपलर आता है, क्योंकि यहां प्लाईवुड हब है। प्लाईवुड की करीब एक हजार यूनिट यहां पर है। जिसमें पोपलर की खपत होती है। यहां से तैयार देश के विभिन्न हिस्सों सहित विदेशों तक जाती है।
इस समय माल की आवक कम है। रेट भले बढ़ गए हो, लेकिन इसका असर प्लाईवुड इंडस्ट्री पर भी पड़ेगा। यदि माल नहीं मिला, तो कई इंडस्ट्री में काम रोकना पड़ सकता है। हालांकि प्लाईवुड व्यापारी भविष्य के लिए स्टाक रखते हैं। जिससे फैक्ट्रियां चलती रहे। रेट बढ़ने की वजह से अधिकतर किसानों ने तैयार पोपलर कटवा दिया था। इस समय खेतों में काफी कम तैयार पोपलर खड़ा है। इस वजह से माल नहीं मिल रहा है। जिसका असर साफ दिख रहा है। इस समय में गेहूं कटाई का भी सीजन चल रहा है। इस महीने में माल की आवक इसी तरह से कम रह सकती है।