Saudi Arab : का नाम दुनिया अमीर देशों में गिना जाता है। ये सुपर रिच लोगों का सबसे बड़े ठिकाना है। ये सुपर रिच लोगों की संख्या भले ही ज्यादा हो, लेकिन देश की 20 फीसदी जनता जबरदस्त गरीबी में जिंदगी गुजार रही है। हालांकि, यहां की गरीबी दुनिया के सामने मुश्किल ही आती है। गरीबी को छिपाती थी देश की सरकार…
– रियाद में लग्जरी शॉपिंग मॉल्स के साथ ही राजधानी के स्लम्स की लम्बी कतार साफ नजर आ जाएंगे।
– गरीबी और विकास पर लिखने वाले सऊदी स्कॉलर रोसी बशीर के मुताबिक, देश यहां की गरीबी छिपाता है।
– बशीर के मुताबिक, यहां लोग भूख से तड़प रहे हैं और रईसों से गरीबों की तकलीफ नहीं देखी जा रही है।
– सऊदी सरकार अपने देश की गरीब जनता को लेकर सीमित ऑफिशियल डाटा जारी करती है।
– वहीं, प्रेस रिपोर्ट और प्राइवेट संस्थाओं की रिपोर्ट के मुताबिक, 20 से 40 लाख की आबादी हर महीने 530 डॉलर से भी कम में गुजारा करती है।
– गर्वनमेंट के आंकड़ों के मुताबिक, देश में गरीबी बढ़ने के पीछे सबसे बड़ी वजह बेरोजगार युवाओं की बढ़ती संख्या है।
जब स्टेट मीडिया ने दिखाई गरीबी
– गार्डियन की रिपोर्ट के मुताबिक, सऊदी में 2002 तक स्टेट मीडिया के लिए गरीबी एक ऐसा मुद्दा था, जिसे दिखाने से वो बचते थे।
– किंग अब्दुल्लाह ने जब देश की बागडोर हाथ में ली थी तो उन्होंने रियाद के स्लम का दौरा किया था।
– तब न्यूज कवरेज में सऊदी के कई लोगों ने देश में पहली बार गरीबी देखी थी।
– इसके बाद प्रिंस सुल्तान बिन सलमान ने देश में गरीबी की समस्या मानते हुए इसे दूर करने की भी बात कही थी।
– उन्होंने तीन से पांच साल के अंदर इकोनॉमिक डेवलपमेंट के चलते गरीबी दूर करने की बात कही थी।
– सरकार की ओर कई अरब डॉलर हर साल लोगों की एजुकेशन और हेल्थकेयर पर खर्च हो रहे हैं।
– इसके अलावा हर महीने पेंशन के साथ ही खाने और बिजली बिल भरने का इंतजाम किया जा रहा है।