Chandigarh/Alive News : हरियाणा के सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे विद्यार्थियों को अब अपनी पसंद के प्राइवेट स्कूल में एडमिशन मिल सकेगा। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत उन्हें मुफ्त पढ़ाया जाएगा। यह सुविधा सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे दूसरी से 12वीं तक के बच्चों को मिलेगी। आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों को मुफ्त शिक्षा का प्रावधान शिक्षा का अधिकार अधिनियम में किया गया है।
स्कूल शिक्षा विभाग ने इस बाबत सभी जिला शिक्षा व मौलिक शिक्षा अधिकारियों को हिदायतें जारी की हैं। पहली जुलाई से स्कूल ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद फिर से खुलेंगे। ऐसे में प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन के लिए पहली से आठ जुलाई तक आवेदन किए जा सकेंगे। राज्य में 381 स्कूलों ने खुद ही पहल करते हुए ‘चिराग’ यानी समान शिक्षा राहत सहायता एवं अनुदान योजना के तहत गरीब बच्चों को दाखिले देने की पेशकश की है। इतना ही नहीं, इन स्कूलों ने कक्षावार खाली सीटों का ब्यौरा भी पोर्टल पर अपलोड कर दिया है।
स्कूल शिक्षा निदेशालय की ओर से जिला शिक्षा व मौलिक शिक्षा अधिकारियों को जारी की गई गाइडलाइन में स्पष्ट किया गया है कि प्राइवेट स्कूलों में केवल वही विद्यार्थी दाखिला ले सकेंगे, जिन्होंने पिछली कक्षा सरकारी स्कूल से पास की होगी। यानी पहले से ही किसी प्राइवेट स्कूल में पढ़ रहे विद्यार्थियों को इस योजना में कवर नहीं किया जाएगा।
अभिभावकों की मौजूदगी में होगा ड्रा
शिक्षा विभाग ने तय किया है कि दाखिले के लिए आवेदन करने वाले विद्यार्थियों का एडमिशन ड्रा सिस्टम के जरिये होगा। ऐसा केवल उन्हीं स्कूलों में होगा, जहां खाली सीटों पर अधिक आवेदन आते हैं। ऐसे स्कूलों में 11 जुलाई को अभिभावकों की मौजूदगी में ड्रा निकाला जाएगा। फिर 12 से 21 जुलाई तक दाखिले की प्रक्रिया चलेगी। सफल छात्रों की सूची विद्यालय के नोटिस बोर्ड पर लगेगी। मुख्य सूची में सफल छात्रों द्वारा निर्धारित तिथि तक दाखिला न लेने पर उनकी रिक्त सीटों पर प्रतीक्षा सूची के छात्रों के दाखिले 22 से 27 जुलाई तक होंगे। मौलिक शिक्षा निदेशक ने सभी डीईओ और डीईईओ को संबंधित स्कूलों में एक विभागीय सदस्य नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं जो दाखिला प्रक्रिया की निगरानी करेगा।
सरकार से इन निजी स्कूलों को मिलेगा पैसा
दाखिले के लिए परिवार पहचान-पत्र को अनिवार्य किया गया है। केवल उन्हीं निजी स्कूलों को फीस की प्रतिपूर्ति की जाएगी जिन्होंने फार्म-छह में अपने विद्यालय की फीस राशि पोर्टल पर दर्शाई हुई होगी। दाखिला देने के दो दिन के अंदर एमआईएस पोर्टल पर डाटा अपडेट करते हुए छात्रों की जानकारी एक सप्ताह के भीतर शिक्षा निदेशक व मौलिक शिक्षा निदेशक को भेजनी होगी।