Faridabad/Alive News: सेहतपुर की भट्टा कालोनी के लोग मूलभूत सुविधाओं को लेकर निगम अधिकारी और जनप्रतिनिधियों के चक्कर काट चुके हैं। लेकिन पन्द्रह साल बीतने के बाद भी कालोनी में चलने के लिए ना तो सड़कें और न ही बिजली-पानी जैसी मूलभूत सुविधा है। जब से कालोनी में सीवर लाइन डाली गई है तब सीवर लाइन को जोड़ा नही गया है जिसकी वजह से पूरी कालोनी में सीवर ओवर फ्लो हो रहा है और कालोनी की मुख्य सड़क तालाब में तब्दील हो रही है। मुख्य सड़क पर बड़े बड़े गड्ढे होने से वाहन चालक और स्कूली बच्चें आए दिन यहां गिरकर चोटिल हो रहे हैं। स्थानीय लोगों ने कई बार इसकी शिकायत निवर्तमान पार्षद गीता रैक्सवाल और निगम अधिकारियों के साथ साथ पीएम मोदी को ट्वीट पर की दी है, लेकिन समस्या कोई समाधान नही हुआ है।
कालोनी के ड्रेनेज सिस्टम की निकासी का नही हुआ कोई समाधान
इस कॉलोनी में ड्रेनेज सिस्टम पूरी तरह दुरुस्त न होने से लोगों को भारी परेशानी उठानी पड रही है। इसके साथ नालियां न होने से लोगों के घरों से निकलने वाला गंदा पानी खाली प्लाटों और सड़कों पर बह रहा है। सड़क और खाली प्लाट में भरे पानी से मच्छर पनप रहे है। इससे इस कालोनी में डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारी फैलने का खतरा बना हुआ हैं। इस कालोनी में एक एक हफ्ते बिजली गुल रहती है। इससे कालोनी में पीने के पानी की समस्या बनी रहती है।
मुख्य सड़क पर है बड़े बड़े गड्ढे
सड़क पर सीवर का गंदा पानी भरने से और उसमें से भारी वाहनों के गुजरने से सड़क में बड़े बड़े गड्ढे हो चुके है जिसके कारण से दुपहिया वाहन चालक और स्कूली बच्चे गिरते रहते है। कच्चा मार्ग होने से लोगों को निकलने में बेहद परेशानी हो रही है।
क्या कहना है लोगों का
आज मंगलवार की सुबह मेरी बेटी प्रैटिकल एग्जाम देने के लिए घर से ही निकली थी कि सड़क का गड्ढा दिखाई न देने से वह गंदे पानी में गिरकर चोटिल हो गई। बेटी का साल खराब ना हो, इसके लिए घर के कपड़ों में स्कूल एग्जाम देने के लिए भेजना पडा। उधर, टीचर ने मेरी बेटी को स्कूल से घर भेज न दिया। काफी रिक्वेस्ट करने के बाद टीचर ने बच्ची को एग्जाम देने की अनुमति दी।
–मंजू, स्थानीय निवासी
भट्टा कॉलोनी में यह समस्या पिछले 4 सालों से बनी हुई है। स्वच्छता से संबंधित मूलभूत सुविधाएं ना मिलने से कॉलोनी वासियों को बहुत कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। आलम यह है कि कॉलोनी में गंदगी के कारण यहां के बच्चों का विवाह होना भी मुश्किल हो गया है।
–संदीप, स्थानीय निवासी
क्या कहना है निवर्तमान पार्षद का
संबंधित समस्या को लेकर जब निवर्तमान पार्षद पति ओम प्रकाश रैक्सवाल से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने व्यस्तता जताते हुए कुछ भी कहने से साफ इनकार कर दिया।