November 5, 2024

ओडिशा के पुरी जिले में बाढ़ के बाद जहरीली चींटियों का कहर जारी, ग्रामीण कर रहे पलायन

New Delhi/Alive News : ओडिशा के पुरी जिले के ब्राह्मणवासी गांव में बाढ़ का पानी उतरने के बाद लाखों लाल चींटियों ने धावा बोल दिया है। लाल चींटियों के हमले से बचने के लिए ग्रामीण ने यहां से पलायन करना शुरू कर दिया है।

मिली जानकारी के अनुसार इन जहरीली चींटियों से मुक्त कराने के लिए अभियान चला रहे हैं। इसके बावजूद गांव में मकानों से लेकर पेड़ों तक, हर जगह इन चींटियों के झुंड मौजूद हैं। यहां बहुत से ग्रामीणों को इन चींटियों ने काटा है, इससे लोगों की त्वचा पर सूजन और जलन की शिकायतें सामने आ रही है। इसके चलते यहां लोगों का सामान्य जीवन पटरी से उतर गया है। यहां तक की जानवरों और छिपकलियों तक को ये चींटियां अपना शिकार बना रही हैं।

आलम यह है कि लोग जहां चींटियां देखते हैं, वहां कीटनाशक पाउडर डाल रहे हैं, लेकिन राहत नहीं मिल रही है। ओडिशा कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय और जिला प्रशासन ने लोगों को राहत देने के लिए यहां एक अभियान शुरू किया है।

तीन शहर यूनेस्को जीएनएलसी में शामिल
चीटियों के कहर से ग्रामीणों को बचाने के लिए तेलंगाना के वारंगल और केरल के त्रिशुर, निलांबुर शहरों को यूनेस्को ग्लोबल नेटवर्क ऑफ लर्निंग सिटीज (जीएनएलसी) में शामिल किया गया है। इस तरह ये तीन शहर इस श्रेणी के विश्व के 44 देशों के 77 शहरों में शामिल हो गए हैं। यूनेस्को जीएनएलसी एक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क है, जिनमें ऐसे शहर शामिल हैं जो स्थानीय लोगों को आजीवन सीखने के लिए सफलतापूर्वक बढ़ावा देते हैं। केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री किशन रेड्डी ने ट्वीट कर इसे अच्छा समाचार बताया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वैश्विक मान्यता प्राप्त करने और भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने के निरंतर प्रयासों के लिए धन्यवाद किया है।