November 16, 2024

दस सितंबर से पितृपक्ष शुरू, श्राद्ध में पितरों को करें तर्पण

Faridabad/Alive News: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष (श्राद्ध) का बहुत बड़ा महत्व है। पितृ पक्ष को श्राद्ध पक्ष के नाम से भी जाना जाता है। पितृ पक्ष में पितरों का श्राद्ध और तर्पण किया जाता है।ज्योतिषियों का कहना है कि इस साल श्राद्ध पक्ष 15 दिन की बजाए 16 दिन के रहने वाले हैं। पितृपक्ष में ऐसा संयोग 16 साल बाद आया है।इस पक्ष में विधि-विधान से पितर संबंधित कार्य करने से पितरों को शान्ति मिलती है। विश्वास रखने वाले लोग घरों और गंगा यमुना के तट पर पूर्वजों के लिए पिण्ड दान और तर्पण करते हैं। ज्योतिषियों का कहना है कि हिंदू धर्म में श्राद्ध काल में शुभ और नए कार्यों को करने की मनाही होती है।

आचार्य संतोष जी महाराज ने बताया कि पितृ पक्ष की शुरुआत भद्र मास में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से होती है। आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि तक पितृ पक्ष रहता है। पितृ पक्ष के दौरान पितर संबंधित कार्य करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दौरान पितरों के नाम पर पिंडदान और तर्पण किया जाता है। लोग घर और गंगा-यमुना तट पर पिंडदान करते है।

इस दौरान नहीं होते कोई शुभ कार्य
आचार्य संतोष जी महाराज ने बताया कि पितृ पक्ष के दौरान नई गाड़ी, नया मकान, शादी, मुंडन, सगाई, गृहप्रवेश जैसे शुभ कार्य नहीं किए जाते। इस साल 10 सितंबर से पितृ पक्ष आरंभ हो जाएगा और 25 सितंबर को समापन होगा।