Faridabad/Alive News: कल रात विजय रामलीला कमेटी के इतिहासिक और पौराणिक मंच पर प्रथम दृश्य में लंका से विभीषण (वैभव लड़ोइया) को देश निकाला दिया गया। विभीक्षण राम जी की शरण मे आये जहां राम जी ने उनका राज तिलक कर उसको लंकापति घोषित किया।
उसके बाद हनुमान जी ने पत्थर पर राम नाम अंकित किया और उन पत्थरों से नल नील द्वारा सेतु बांधा गया जिस पर चढ़ कर सेना सहित राम दल ने लंका पर चढ़ाई की। शहर की विधायिका सीमा त्रिखा (बड़खल विधान सभा) भी कल विजय रामलीला के मंच पर भगवान राम से आशीर्वाद लेने और कमेटी ने उनके भावों का अभिनंदन कर मंच पर स्वागत किया।
अगले दृश्य में मंदोदरी(मनोज शर्मा) ने रावण (टेकचंद नागपाल) को युद्ध ना करने की सलाह दी और कहा की सीता को वापिस लौटा दें जिस पर रावण क्रोधित हो उठा। राम ने मर्यादा रखते हुए युद्धनीति के नियमों का पालन किया और बाली पुत्र अंगद को दूत बना कर रावण के दरबार में भेजा। अंगद बने गर्वित ने किया दमदार सम्वाद वहीं दूसरी ओर रावण बने टेकचन्द ने भी नहीं छोड़ी कोई कसर। दोनो के बीच डॉयलोग्स पर बजी ज़ोरदार तालियां।