New Delhi/ Alive News दिल्ली के दो जिलों में भविष्य के इस्तेमाल का भी पानी नहीं बचा है। पांच जिले तो ऐसे हैं, जहां जमीन के अंदर जाने वाले पानी से ज्यादा निकासी कर ली जाती है। करीब 47.71 फीसदी इलाके में जरूरत से ज्यादा भूजल निकाला जा रहा है। इसका खुलासा केंद्रीय भूजल बोर्ड की बुधवार जारी एक रिपोर्ट में हुआ है। 2022 की सक्रिय भूमि जल संसाधन रिपोर्ट से पता चलता है कि दिल्ली के करीब 12.6 फीसदी इलाके भूजल के लिहाज से बेहद नाजुक हैं। वहीं, जितना पानी जमीन के अंदर गया, उसका 98.16 फीसदी अलग-अलग कार्यों के लिए निकाल लिया गया।
रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में भूजल के रिचार्ज के लिए 1486.6 वर्ग किमी क्षेत्र उपलब्ध है। इसमें से 709.81 वर्ग किमी में क्षमता से ज्यादा भूजल का दोहन हो रहा है। वहीं, 179.37 वर्ग किमी बेहद नाजुक और 201.57 वर्ग किमी क्षेत्र नाजुक श्रेणी में हैं। सिर्फ 201.57 वर्ग किमी क्षेत्र इस लिहाज से सुरक्षित है।
मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली जल बोर्ड ने राजधानी में करीब 12,000 निजी ट्यूबवेल को रजिस्टर्ड कर रखा है। यह ज्यादातर उसी इलाके में हैं, जहां भूजल का ज्यादा दोहन हो रहा है। वहीं, बड़ी मात्रा में पानी की बर्बादी भी होती है। इन इलाकों में राहत के भी आसार नहीं हैं।