November 17, 2024

सतयुग दर्शन स्कूल में ‘आहारोत्सव’ कार्यक्रम आयोजित

Faridabad/Alive News : जो हाथ में आता है वह खा लेता है परन्तु उसका हमारी दैनिक दिनचर्या एवं शरीर पर क्या असर होगा? इससे बेखबर हैं। परिणामस्वरूप मानसिक रोगों से ग्रस्त हो जाता है। इसी समस्या को दृष्टिगत रखते हुए सतयुग दर्शन वसुन्धरा परिसर में आहारोत्सव कार्यकम का आयोजन किया गया. जिसमें सात्विक आहार की महत्ता के साथ-साथ पारिवारिक एकता को भी मजबूत बनाए रखने के प्रति सजनों को जागरुक किया जाता है। कार्यक्रम में लोगों को सात्विक भोजन बनाने एवम सपरिवार भोजन खाने के बारे में अवगत कराया गया। आज के युग में किस तरह का सात्विक एवम पौष्टिक भोजन उपयोगी है, यह जानकारी हंसते-खेलते दी गयी। लगभग 300 सजनों ने इस पारिवारिक आहारोत्सव में भाग लिया।

अन्त में सतयुग दर्शन ट्रस्ट के मार्गदर्शक सजन ने अपने वक्तव्य में बताया कि हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में आहार की अहम भूमिका है। एक पुरानी कहावत भी है कि जैसा खाए अन्न वैसा बने मन यानि हम जिस प्रकार का खाना खाएंगे, हमारा मन वैसा ही बनेगा। इस प्रकार यह स्पष्ट होता है कि मन पर नियन्त्रण रखने के लिए आहार का ठीक होना अत्यन्त आवश्यक है।

अत: सात्विक आहार ही सर्वोत्तम आहार है जो शरीर के तापमान को संतुलित बनाए रखने में सहयोगी सिद्ध होता है। वास्तव में आहार ही शरीर है और शरीर ही आहार है। भोजन सर्वप्रथम ईश्वर को समर्पित करें तत्पश्चात ग्रहण करें। अन्त में समस्त भारतवासियों के लिए सन्देश दिया कि अपने आहार की महत्वता को भली-भांति समझते हुए अपने परिवार को स्वस्थता की खुशियों से महका दैं।