May 18, 2024

हरियाणा के सभी जिलों में धारा-144 लगाने के आदेश, बनेगी जिला स्तरीय निगरानी समिति

Chandigarh/Alive News: कोरोना संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए हरियाणा में पाबंदियां बढ़ा दी गई हैं। हरियाणा के सभी जिलों में अब धारा-144 लागू होगी, इसके तहत चार से अधिक लोग इकट्ठा नहीं हो सकेंगे। गृह मंत्री अनिल विज की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय निगरानी समिति और मुख्य सचिव की मौजूदगी में हुई राज्य समन्वय समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया। प्रदेश सरकार ने सभी अस्पतालों के ऑक्सीजन बेड और ऑक्सीजन भंडारण क्षमता का ब्योरा मांगा है। साथ ही सख्ती के साथ पेट्रोलिंग बढ़ाने का भी निर्देश दिया है।

गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने सभी जिलाधिकारियों को अपने जिलों के सभी निजी व सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड, ऑक्सीजन भंडारण क्षमता के साथ वेंटिलेटर सहित अन्य जरूरतों का खाका गुरुवार सुबह 10 बजे तक उपलब्ध करवाने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि कोरोना की स्थिति की गंभीरता को देखते हुए धारा-144 का सख्ती से पालन कराया जाए। प्रदेश के प्रत्येक कोविड मरीज को बचाने का प्रयास करने के लिए हर आवश्यक इंतजाम करेंगे।

उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यवश जिस मरीज की कोविड के कारण मृत्यु हो जाती है उसका अंतिम संस्कार कोविड प्रोटोकॉल के तहत उसी दिन करवाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। इसके लिए अतिरिक्त श्मशान भूमि का भी आवश्यकता अनुसार चयन किया जाए। डायल-112 की 20-20 गाड़ियां भी हर जिले में भेजी जा रही हैं, इनका जरूरत के अनुसार उपयोग करें।

सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में बन जाएगा क्रिटिकल कोरोना कैर सेंटर केंद्र
ने कहा कि लॉ एंड पुलिस अधीक्षक सभी निजी और सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखें। विज ने कहा कि सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में क्रिटिकल कोरोना कैर सेंटर बनाए जा रहे हैं। साथ ही इन चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए मेडिकल महाविद्यालयों में लगभग 1400 पीजी और एमबीबीएस अंतिम वर्ष के छात्रों को तुरंत जिलों में लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारतीय मेडिकल यूनियन से भी चिकित्सक भेजने की अपील की गई है।

जिला स्तर पर निगरानी समिति
वीजी ने कहा कि सभी जिलों में जिला स्तरीय को विभाजित निगरानी समिति का गठन करें, जिसमें विभिन्न विभागों सहित जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव को भी शामिल किया जाए। उन्होंने सभी सिविल सर्जन को निर्देश दिया कि वे अपने क्षेत्र में होम आइसोलेशन में उपचाराधीन रोगियों की प्रत्येक दूसरे दिन घर पर जाकर जांच कराने की व्यवस्था करें। उन्हें दवाइयां, आयुष किट और अन्य आवश्यक सामग्री उपलब्ध करवाएं। साथ ही मरीजों को नियमित परामर्श के लिए चिकित्सकों के नाम और फोन नंबर अखबारों में प्रकाशित करवाएं हैं।