महिला सुरक्षा को लेकर भारतीय रेलवे ने 1000 रेलवे स्टेशनों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का फैसला किया है. खास बात ये है कि रेलवे स्टेशनों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का पैसा निर्भया फंड से लिया जाएगा. रेलवे बोर्ड के चेयरमैन एके मित्तल के मुताबिक निर्भया फंड से रेलवे को 500 करोड़ रुपये की धनराशि देने का फैसला सरकार कर चुकी है.
1000 स्टेशनों पर लगेंगे सीसीटीवी कैमरे
इन सभी रेलवे स्टेशनों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम इस साल के अंत तक खत्म करने का टारगेट रखा गया है. रेलवे बोर्ड के चेयरमैन एके मित्तल ने बताया कि रेल यात्रियों की सुरक्षा हमारे लिए बड़ी है. इसलिए हम एक साल के भीतर एक हजार स्टेशन पर सीसीटीवी कैमरे लगाएंगे. इस काम में पांच सौ करोड़ रुपये खर्च होंगे. पहले ए1, ए, बी, सी कैटेगरी के स्टेशनों पर सीसीटीवी लगाए जाएंगे. सीसीटीवी कैमरों का इस तरह से उपयोग किया जाएगा जिससे रेलवे स्टेशन का 80 प्रतिशत एरिया कवर हो जाएंगे. इनमें प्लैटफॉर्म, रेलवे एंट्री, रेलवे का टिकटिंग एरिया शामिल है.
5 मिनट में मिलेगा जनरल टिकट
इसके अलावा रेलवे ने यात्री सुविधाओं और उपभोक्ता सर्विसेज के लिए सिटीजन चॉर्टर लागू करने का फैसला किया है. इससे रेल यात्रियों की बड़ी समस्या दूर होने जा रही है. अब उन्हें टिकट खिड़की से महज पांच मिनट में जनरल/पैसेंजर टिकट और 15 मिनट में आरक्षित टिकट मिलेगा. रेलवे बोर्ड ने इसके लिए सभी रेलवे जोन को अपना लेटर भेज दिया है. सिटीजन चार्टर को सभी जोन जल्द से जल्द लागू करेंगे. इस दिशा में काम शुरू हो चुका है. जिस रेलवे जोन के पास संसाधन है, वहां पहले ही लागू कर दिया जाएगा. बाकी जगहों पर काउंटरों की संख्या बढ़ाई जाएगी.
यही नहीं रेलवे स्टेशनों और यात्रियों की सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने के लिए सीसीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे और साफ-सफाई को और बेहतर किया जाएगा. रेलवे बोर्ड के चेयरमैन एके मित्तल ने कहा कि हम यात्रियों की सुविधा के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं. अब उन्हें रेल यात्रा टिकट लेने के लिए लंबा इंतजार नहीं करना होगा. हमारी कोशिश है कि यात्रियों को अनारक्षित/ पैसेंजर टिकट हर हाल में सिर्फ पांच मिनट और आरक्षित टिकट 15 मिनट में मिल जाए. इसके लिए निरीक्षक भी तैनात किए जाएंगे, जो यात्रियों की लंबी कतार होने पर तुंरत अतिरिक्त काउंटर खुलवाएंगे. ऐसा होने से यात्रियों को टिकट लेने की राह और आसान हो जाएगी.
चलती ट्रेन में होंगे सफाई कर्मचारी
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन के मुताबिक स्वच्छता के मामले में स्टेशनों पर सुधार देखा गया है लेकिन चलती ट्रेनों में सुधार की गुंजाइश है. इसके लिए ट्रेनों में सफाई वाले चलेंगे, जो समय-समय पर सफाई करेंगे. ट्रेन में गंदगी होने पर यात्री एसएमएस करके भी उसे बुला सकते हैं. रेलवे बायोटॉयलेट्स को भी बढ़ावा दे रही है. रेल बोर्ड चेयरमैन के मुताबिक इस साल 15 हजार कोच में 60 हजार बायोटॉयलेट्स लगाने का लक्ष्य है. उन्होंने बताया कि अगले तीन साल में सभी ट्रेनों को बायोटॉयलेट्स से लैस कर दिया जाएगा.