Faridabad/Alive News: नवरात्रि के चौथे दिन महारानी वैष्णो देवी मंदिर में मां कुष्मांडा की भव्य पूजा अर्चना की गई. प्रात कालीन आरती में भक्तों की लंबी लाइन मंदिर में मां कुष्मांडा के आशीर्वाद लेने के लिए लगी हुई थी. इस अवसर पर मंदिर संस्थान के प्रधान जगदीश भाटिया ने आए हुए अतिथियों को माता की चुनरी और प्रसाद भेंट किया. एनआइटी से भाजपा के प्रत्याशी सतीश भागना ने माता के दरबार में माथा टेक कर मां कुष्मांडा की पूजा अर्चना में शामिल होकरअपने जितने की कामना की. मंदिर संस्थान के प्रधान जगदीश भाटिया ने भाजपा प्रत्याशी सतीश भागना को माता की चुनरी भेंट की.
इस अवसर पर मंदिर संस्थान के चेयरमैन प्रताप भाटिया, प्रीतम धमीजा, विनोद पांडे, नेतराम गांधी, अनिल ग्रोवर औऱ सुरेंद्र झाम विशेष रूप से मौजूद थे.माता की पूजा आराधना के बाद जगदीश भाटिया ने श्रद्धालुओं को बताया कि चौथे नवरात्रि पर मां कुष्मांडा की पूजा-आराधना की जाती है। अपनी मंद, हल्की हंसी द्वारा अंड अर्थात ब्रह्मांड को उत्पन्न करने के कारण इन्हें कूष्मांडा देवी के रूप में पूजा जाता है। संस्कृत भाषा में कूष्मांडा को कुम्हड़ कहते हैं। बलियों में कुम्हड़े की बलि इन्हें सर्वाधिक प्रिय है। इस कारण से भी मां कूष्माण्डा (कूष्मांडा) कहलाती हैं।
मां कूष्मांडा को इस निवेदन के साथ जल पुष्प अर्पित करें कि, उनके आशीर्वाद से आपका और आपके स्वजनों का स्वास्थ्य अच्छा रहे। अगर आपके घर में कोई लंबे समय से बीमार है तो इस दिन मां से खास निवेदन कर उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करनी चाहिए। देवी को पूरे मन से फूल, धूप, गंध, भोग चढ़ाएं। मां कूष्मांडा को विविध प्रकार के फलों का भोग अपनी क्षमतानुसार लगाएं। देवी कूष्मांडा योग-ध्यान की देवी भी हैं। देवी का यह स्वरूप अन्नपूर्णा का भी है। उदराग्नि को शांत करती हैं। इसलिए, देवी का मानसिक जाप करें। देवी कवच को पांच बार पढ़ना चाहिए। श्री भाटिया ने कहा कि जो भी भक्त सच्चे मन से माता कुष्मांडा की पूजा कर अपनी मुराद मांगता है वह आवश्यक पूर्ण होती है.