Delhi/Alive News: इजराइल ने ईरान पर हमला करने की तैयारी पूरी कर ली है और उसने इसकी जानकारी अमेरिका को दे दी है। यह जानकारी अमेरिकी अधिकारियों ने CBS न्यूज को दी है। अमेरिका को डर है कि अगर इजरायल ने हमला किया, तो ईरान बदले में इराक में मौजूद अमेरिकी ठिकानों को निशाना बना सकता है।
इसी खतरे को देखते हुए अमेरिका ने मिडिल ईस्ट (मध्य पूर्व) से अपने कुछ नागरिकों और सरकारी अधिकारियों को निकालने का फैसला किया है। खासकर इराक में तैनात ऐसे स्टाफ को, जो जरूरी नहीं हैं।
इस बीच, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि मिडिल ईस्ट के हालात खराब हो सकते हैं, इसलिए वहाँ से सैनिकों को हटाया जा रहा है। उन्होंने साफ कहा, “ईरान को परमाणु हथियार नहीं बनाने देंगे।”
ईरान ने दी चेतावनी
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने यूरोपीय देशों को चेतावनी दी है कि अगर उन्होंने ईरान के परमाणु कार्यक्रम के खिलाफ कोई प्रस्ताव पास किया, तो ईरान उसका सख्त जवाब देगा। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी जैसे देश खुद 2015 की परमाणु डील (JCPOA) को लागू करने में नाकाम रहे हैं और अब ईरान पर आरोप लगा रहे हैं।
अराघची ने कहा कि अगर ईरान के खिलाफ अन्यायपूर्ण कदम उठाया गया, तो यूरोप को इसके नतीजे भुगतने पड़ेंगे।
ईरान, अमेरिका और इजरायल के बीच विवाद क्या है?
ईरान का कहना है कि वह परमाणु तकनीक का इस्तेमाल केवल बिजली और मेडिकल रिसर्च के लिए कर रहा है। लेकिन अमेरिका और इजराइल को शक है कि ईरान चोरी-छिपे परमाणु हथियार बना रहा है, जो पूरी दुनिया के लिए खतरा हो सकता है।
2015 में JCPOA डील के तहत ईरान ने परमाणु कार्यक्रम सीमित करने का वादा किया था, बदले में उस पर लगे आर्थिक प्रतिबंध हटा दिए गए थे। लेकिन 2018 में डोनाल्ड ट्रम्प ने इस डील से अमेरिका को बाहर निकाल लिया और ईरान पर दोबारा सख्त प्रतिबंध लगा दिए।
इसके बाद ईरान ने भी डील की शर्तों का पालन करना बंद कर दिया और यूरेनियम संवर्धन जैसे काम शुरू कर दिए, जिससे परमाणु बम बनाना संभव हो सकता है।