November 16, 2024

अब फरीदाबाद के खेतों में उग रहे बासमती चावल का जायका चखेगी पूरी दुनिया

Faridabad/Alive News : हरियाणा प्रदेश में फरीदाबाद एक मात्र ऐसा जिला बनने जा रहा है जिसका बासमती चावल पूरी दुनिया में धूम मचाएगा। देश की नामी निर्यात कंपनी की देखरेख में धान की फसल तैयार हुई है। ग्रेटर फरीदाबाद के गांव बादशाहपुर के प्रगतिशील किसान डॉक्टर धर्मपाल त्यागी के खेतों में उक्त बासमती चावल की फसल पककर तैयार है। जिसका निरीक्षण करने के लिए केबीआरएल लिमटेड कंपनी के मलिक सहित 5 सदस्यीय दल त्यागी के फार्म हाउस पर पहुंच और धान की फसल का जायजा लिया। इस बासमती चावल का निर्यात विदेशों में किया जायेगा।

फरीदाबाद के ही नहीं पूरे प्रदेश के लोगों को जल्द ही अब जापान के अच्छी गुणवत्ता वाले बासमती चावल खाने को मिलेंगे, क्योंकि ग्रेटर फरीदाबाद में पहली बार प्रगतिशील किसान धर्मपाल त्यागी ने अपने खेतों में जापान का बीज डाला है, जिसके निरीक्षण के लिए आज उत्तर प्रदेश से केबीआरएल लिमटेड कंपनी के मलिक सहित अन्य सदस्य भी पहुंचे, केबीआरएल कंपनी पूरे विश्व में बासमती चावलों के बीज का निर्यात करती है, जिसकी कई किश्म धर्मपाल त्यागी ने अपने फार्म भी लगाई हुई हैं।

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इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए केबीआरएल लिमटेड कंपनी के मैनेजर बिजेन्द्र त्यागी ने कहा कि उनकी कंपनी फरीदाबाद में कई प्रकार के अच्छी गुणवत्ता वाले बासमती चावलों के बीज उगा रही है जो कि अगले साल किसानों तक पहुंचा दिये जायेंगे।
वहीं केबीआरएल लिमटेड कंपनी के सीओ अशोक चंद ने मीडिया से बातचीत में बताया कि हमारी कंपनी दुनिया भर में बासमती चावल निर्यात करने वालो में दूसरे नम्बर की कंपनी है तो वो समय-समय पर किसानों द्वारा उगाये जा रहे चावलों के बीजों का निरीक्षण करते हैं इतना ही नहीं किसानों को जानकारी देने के लिए गांव गांव में संगोष्ठी भी की जाती हैं जिससे किसानों में खाद्यमुक्त खेती करने की समझ आये।

केबीआरएल लिमटेड कंपनी से आई टीम का धन्यवाद करते हुए प्रगतिशील किसान धर्मपाल त्यागी ने कहा कि उन्हें बहुत खुशी है कि गाजियाबाद और नोएडा से निरीक्षण करने के लिए उनके खेतों में टीम आई है, क्योंकि उन्होंने पहली बार श्रेष्ठ गुणवत्ता वाली किस्म का धान खेतों में बोया था। विश्व श्रेणी के बासमती चावल की खेती पहली बार की जिसका अच्छा परिणाम आने की उम्मीद है। इस सफल ट्रायल के बाद उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाग सहित अन्य कई प्रदेशों को अच्छी किश्म के बासमती चावलों के बीज मिल सकेंगे। वहीं त्यागी ने कहा है कि किसानों को जैविक खेती करने में नुक्सान हो रहा है क्योंकि गुणवत्ता अधिक होती है और माल कम, किसानों को गुणवत्ता के अनुसार फसल के उचित दाम नहीं मिल रहे हैं।