November 16, 2024

अब सूरजकुंड मेले से ज्ञान बटोरेंगी सरकारी स्कूलों की बेटियां

Hisar/Alive News : भारत का दिल और देश की राजधानी कहे जाने वाली दिल्ली की धरोहर से अब सरकारी स्कूलों की बेटियां ज्ञान बटोरेंगी। इतना ही नहीं, सरकार ने बेटियों के उत्थान के लिए सुरजकुंड मेले की संस्कृतियों से रूबरू करवाने का फैसला लिया है। ताकि सरकारी स्कूल की बेटियां पाठ्यक्रम के अलावा देश की विभिन्न प्रकार की संस्कृतियों को जान सकें। लेकिन ये सुनहरा प्रदेश के 36 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में पढ़ रही बेटियों को ही मिलेगा। इसके लिए सरकार ने प्रदेश स्तर पर 11 लाख 78 रुपये का बजट देने का ऐलान किया है, जबकि जिले स्तर पर पांच कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय को करीब 2 लाख रुपये का बजट जारी किया है।

विभाग ने पांचों केजीवीपी स्कूलों में से छठी, सातवीं और आठवीं कक्षा में पढ़ रही 250 बेटियों का चयन करने के निर्देश दिए है। इसके लिए विभाग ने निर्धारित मापदंड भी तय किए है, जिनके आधार पर विभाग, बेटियों का चयन करेगा। इसके लिए विभाग ने बेटियों को दो दिवसीय भ्रमण करने का फैसला लिया है। प्रत्येक केजीवीपी स्कूल से 50 बेटियों का चयन किया जाएगा। विभाग ने एक फरवरी को संबंधित स्कूलों के प्राचार्यो की बैठक बुलाई है, जिसमें अधिकारियों को उचित निर्देश दिए जाएंगे।

**प्रदेश के 36 केजीवीपी स्कूलों को मिला 11.78 लाख का बजट **जिले के पांच स्कूलों में पढ़ रही बेटियों के लिए सुनहरा

इन स्कूलों की बेटियों को मिलेगा मौका
**नारनौंद स्थित गांव माडा के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय
**हांसी स्थित गांव मेंदा के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय
**उकलाना स्थित भैरी अकबरपुर के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय
**हिसार ब्लॉक द्वितीय स्थित गांव किरतान के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय
**अग्रोहा ब्लॉक स्थित गांव दुर्जनपुर के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय

इन जगहों का भ्रमण करेंगी बेटियां
*/फरीदाबाद में आयोजित सूरजकूंड मेला
**दिल्ली का इंडिया गेट
**अक्षरधाम मंदिर
**लालकिला
**कुतुबमीनार

निर्धारित मापदंड के तहत इन विधाओं में रुचिकर बेटियों को मिलेगा मौका
**आर्ट एंड क्रॉफ्ट
**सिलाई-बुनाई
**नृत्य, गायन व वादन

किसी भी विषय में जिले से राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में विजेता बेटियांजिले के पांच केजीवीपी स्कूलों में पढ़ रही 250 बेटियों को दिल्ली के एतिहासिक स्थल और सुरजकूंड मेला देखने का मौका मिलेगा।

इस योजना से बेटियों के उत्थान के मदद मिलेगी। ताकि बेटियों का चहुमुंखी विकास हो सकें -देवेंद्र, जिला प्रोजेक्ट को-ओर्डिनेटर, सर्व शिक्षा अभियान।