New Delhi/Alive News: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा नोएडा के एक बिल्डर के खिलाफ साढ़े 9 लाख तक कार्रवाई किए जाने पर नाराजगी जताई है। ट्रिब्यूनल ने कहा कि ईडी के निष्क्रिय की वजह से पर्यावरण नियमों की अनदेखी को प्रोत्साहन मिला। एनजीटी ने पर्यावरण नियमों की अनदेखी करने पर बिल्डर पर 113 करोड रुपए से अधिक का जुर्माना लगाते हुए टिप्पणी की है।
एनजीटी के प्रमुख जस्टिस एके गोयल की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि जब मामले में ईडी ने कार्रवाई की तो वह बहुत हल्की थी। पीठ ने कहा कि ईडी अपनी जांच के दौरान इस बात पर ध्यान देना भूल गया कि धन शोधन निवारण अधिनियम का दायरा बढ़ा दिया गया है और इस तरह के अपराध करने से अर्जित राजस्व कानून के तहत अपराध की आय मारी जाती है।
पीठ ने उप्पल चढ़ा हाईटेक डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ दाखिल याचिका पर यह आदेश दिया है। याचिका में आरोप है कि है बिल्डर गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर जिले के 14 गांव में पर्यावरण नियमों का उल्लंघन कर रहा है।